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खुले में कूड़ा फेंकने को लेकर हाईकोर्ट के तेवर चढ़े, दिये ये सख्त निर्देश

लखनऊ,  इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्ड पीठ ने राजधानी, लखनऊ में सफाई व्यवस्था के मामले में और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश नगर निगम के आला अफसरों को दिए हैं।

न्यायालय ने नगर निगम के अफसरों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि खुले स्थानो पर कूडा न फेंका जाय और सड़कों पर आवारा पशु न घूमें।

अदालत ने कूड़ा निस्तारण के लिये शहर में बनाए गए सभी पोर्टेबल कॉमपैकटर ट्रांसफर स्टेशनों को रोज सवेरे आठ बजे से शाम आठ बजे तक चलाये जाने के निर्देश नगर निगम को दिए हैं। अदालत ने सख्त हिदायत भी दी है कि इसमें किसी तरह की कोताही को गम्भीरता से लिया जायेगा ।

न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति राजन राय की खंडपीठ ने यह आदेश शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर एक याचिका पर दिया।इस मामले में कोर्ट पहले भी अफसरों को निर्देश दे चुकी है।

नगर निगम की तरफ से सुनवाई के दौरान संबंधित अफसर भी अदालत में पेश हुए।

मामले में नियुक्त न्यायमित्र .अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह राजावत ने अदालत को बताया कि कूड़ा निस्तारण के लिये बनाए गये सभी पोर्टेबल कॉमपैकटर ट्रांसफर स्टेशन चल नहीं रहे हैं सिर्फ मेट्रोसिटी के सामने वाले स्टेशन को महज दो दिन से सवेरे से शाम तक चलाया जा रहा है।

इसपर अदालत ने इन सभी को सुबह आठ से शाम आठ बजे तक चलाने के निर्देश दिए। राजावत ने कुछ फोटो भी पेश किए,  जिनमें शहर के खुले स्थानों पर कूडा कचरा फेंका गया दिख रहा था। इसपर अदालत ने इन जगहों समेत शहर में किसी भी खुली जगह पर इसे न फेकने और सड़कों पर आवारा पशुओं के घूमने पर रोक लगाने के सख्त निर्देश नगर निगम को दिए।

इससे पहले अदालत ने इस मामले मे राजधानी को आवारा पशुओं से मुक्त कराने,  पॉलिथीन का इस्तेमाल रोकने व छूटा जानवरो को पकड़ने , समेत शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।