जनगणना के प्रोफार्मा में जाति का कॉलम नहीं होने पर मचा बवाल
January 18, 2020
नई दिल्ली, 2021 में होने वाली जनगणना के प्रोफार्मा में जाति का कॉलम न होने पर बवाल शुरू हो गया है। ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन ने 2021 में होने वाली जनगणना के प्रोफार्मा में जाति का कॉलम न होने का विरोध किया है।
फेडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल ने आज कहा कि देश की कई अदालतों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण से जुड़े मामले लंबित हैं परंतु सरकार कहती रही है कि उसके पास ओबीसी जाति के आंकड़े नहीं हैं जबकि हकीकत यह है कि सरकार वास्तव में जानबूझ कर आंकड़े जुटाना ही नहीं चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है इसी वजह से सरकार जातिगत जनगणना नहीं करा रही है।
श्री खोवाल ने बताया कि देश आजाद होने से पहले 1931 में जातिगत जनगणना करवाई गई थी तथा उसके बाद 2011 में तत्कालीन कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने भी जातिगत जनगणना करवाई थी लेकिन उसे यह कहकर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने खारिज कर दिया की यह विश्वसनीय नहीं है।
श्री खोवाल ने आरोप लगाया कि सितंबर 2018 में तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जातिगत जनगणना करवाने की बात कही थी क्योंकि तब उन्हें 2019 में ओबीसी के मतदाताओं का वोट लेना था लेकिन अब सरकार जातीय जनगणना कराने में आनाकानी कर रही है।
देश में सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वीण् ऐश्वर्या व कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसराज जांगड़ा ने अपनी टीम के साथ आह्वान किया है कि पूरे देश में ओबीसी के लोगों को जागरूक करने के लिए पंजीकरण कराया जाएगा व सभी को जोड़कर पूरे देश में जाति जनगणना कराने के लिए आंदोलन चलाया जाएगा ताकि केंद्र सरकार पूरे देश में जाति जनगणना कराने के लिए विवश हो जाए। इसके लिए यह भी आह्वान किया गया कि देश में जितने भी ओबीसी सांसद हैं उनसे बात की जाए तथा उनका घेराव भी किया जाए। इसके साथ ही कई राज्यों में ओबीसी मुख्यमंत्री हैंए उनसे भी बात की जाए तथा आंदोलन में शामिल होने के लिए आग्रह करने का भी आह्वान किया गया।
श्री खोवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति तथा अल्पसं यकों की जनगणना हमेशा करवाई जाती रही है। अगर अब 2021 में ओबीसी की जातीय जनगणना नहीं करवाई गई तो पूरे देश का ओबीसी समाज आने वाले चुनाव में भाजपा का पुरजोर विरोध करेगा।