वाराणसी, 4000 साल पुराने शहर का पता वाराणसी में लगा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्राचीन ग्रंथों में दर्ज शिल्प ग्रामों में से एक है।
उत्तर प्रदेश में वाराणसी के अराजीलाइन विकास खंड स्थित बभनियाव गांव के 3500-4000 वर्ष पूर्व
मानव बसावट के समृद्ध शहर होने के अनुमान की सच्चाई पता लगाने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय
का एक दल बुधवार से वहां करीब एक किलोमीटर में फैले टीले की खुदाई शुरु करेगा।
गांव में कैंप स्थापित कर दिया गया तथा पुरात्वेत्ता, शिक्षक, शोधार्थी समेत करीब 20-25 लोगों का
एक दल बुधवार से खुदाई का काम शुरू कर देगा।
खुदाई के क्रम में इस वर्ष अप्रैल या मई माह तक सर्वेक्षण से मिले संकेतों से जुड़ी कुछ ठोस जानकारी मिलने
की उम्मीद है। करीब चार साल पूर्व वाराणसी जिले के अराजीलाइन विकास खंड के बभनियाव गांव के
3500-4000 वर्ष मानव बसावट वाले समृद्ध छोटा शहर होने की प्रारंभिक जानकारी मिली थी।
इसके बाद गत तीन वर्षों से सर्वेक्षण एवं खुदाई के तय मापदंडों के आधार पर गहन अध्ययन किये गए।
वर्तमान में वाराणसी जिला मुख्यालय से करीब 13-14 किलोमीटर की दूरी पर राजातालाब इलाके में यह गांव बभनियाव
स्थित है।
मानव बसावट वाले समृद्ध शहर होने के बारे में जिस प्रकार के संकेत यहां के राजघाट, रामनगर,
सारनाथ, कोतवाली, अकथा, तिलमपुर आदि इलाके में खुदाई के बाद मिले थे, ठीक उसी प्रकार के
संकेत बभनियाव गांव में मिले हैं।
सर्वेक्षण दौरान एक शिवलिंग मिला, जिस पर दो पंक्तियों में कुछ लिखा हुआ है।
कुषाण ब्राह्मी लिपि में लिखित पंक्तियों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बरामद शिवलिंग उस वक्त
के किसी प्रमुख व्यक्ति द्वारा स्थापित किया गया होगा।
अध्ययन में शिव लिंग के अलावा दीवार एवं मिट्टी से बनी चीजों के बारे में कई संकेत मिले हैं,
जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पंचकोशी मार्ग के पास स्थित बभनियाव गांव आज से करीब करीब
3500-4000 वर्ष काफी समृद्ध रहा होगा।
इसके आसपास से गंगा या उसकी कोई सहायक नदी गुजरती रही होगी।