पत्थलगांव , हिन्दी फिल्मों के पाश्र्व गायक येसुदास का का कहना है कि स्कूलों के पाठयक्रम में संगीत की विद्या को भी शामिल किया जाना चाहिए। प्राथमिक से हायर सेकेंडरी तक संगीत को अनिवार्य रूप से पाठयक्रम में शामिल कर लेने से अधिक संख्या में संगीत के साधक सामने आएंगे। छत्तीसगढ़ का प्रसिद्व गणेश महोत्सव चक्रधर समारोह में रायगढ़ पहुंचे येसुदास ने आज पत्रकारों से चर्चा में कहा कि हमारे देश में भाषा अनेक होने के बाद भी संगीत सिर्फ एक है।
हमें किसी अन्य भाषा समझने में भले ही देरी हो सकती है लेकिन संगीत में त्वरित आकर्षित कर लेने की क्षमता विद्यमान है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रति वर्ष गणेश उत्सव के अवसर पर शुरू होने वाला 10 दिनों का शास्त्रीय गायन उत्सव की पूरे विश्व में अलग पहचान बन गई है। मौजूदा समय के गीतों में धुन तेज एवं सुर गायब हो जाने की बात पर उन्होने भचता व्यक्त करते हुए कहा कि नये दौर के इस गीत संगीत के कारण ही शास्त्रीय संगीत में भारी गिरावट को रोकने की पहल होनी चाहिए।