आधिकारिक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि ये समितियां लाॅक डाउन अवधि में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के अलावा निर्धन एवं कमजोर वर्गाें के लिए घोषित सहायता को लाभार्थियों तक पहुंचाने, आवागमन नियंत्रण,मीडिया को सही जानकारी, जिलों में कंट्रोल रूम की व्यवस्था, चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों की इकाइयों द्वारा जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव की कार्ययोजना तैयार करने जैसे कामों को अंजाम देंगी।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी केन्द्र एवं अन्य राज्य सरकारों से समन्वय स्थापित करेगी। शिक्षा से जुड़े सभी विभागों तथा सेवायोजन विभाग के माध्यम से सभी छात्रों एवं काम करने वाले लोगों को, जहां हैं, वहीं पर रहने के लिये विभिन्न माध्यम से जागरूक करेगी। बेसिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, श्रम एवं सेवायोजन विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव इस समिति के सदस्य हैं।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति श्रमिकों तथा अन्य गरीबों को समय से भरण-पोषण भत्ते का वितरण सुनिश्चित कराएगी। इसके अलावा प्रदेश की औद्योगिक तथा व्यावसायिक इकाइयों में काम करने वाले कार्मिकों (नियमित/दैनिक वेतन/संविदा पर) को बन्दी के दौरान पूर्ण वेतन/मानदेय सुनिश्चित कराएगी। इनसे सम्बन्धित समस्याओं का शासन एवं जिला प्रशासन स्तर पर आवश्यक निराकरण सुनिश्चित कराना भी इस समिति का दायित्व होगा। इस समिति में औद्योगिक विकास, श्रम एवं सेवायोजन विभागों के प्रमुख सचिव सदस्य नामित किये गये हैं।
उन्होने बताया कि कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति आवश्यक सामग्री एवं वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिये जिलों से समन्वय का कार्य करेगी। यह समिति अन्तरजिला और जिला परिवहन में आ रही समस्याओं का निराकरण भी कराएगी। समिति पूरे प्रदेश में जनता को होम डिलीवरी के माध्यम से दूध, सब्जी एवं राशन जैसी आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि सामग्रियां उचित मूल्य पर ही मिलें।
इस समिति में प्रमुख सचिव कृषि, परिवहन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, दुग्ध विकास एवं पशुधन, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन तथा उद्यान तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग सहित अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था), निदेशक मण्डी तथा राहत आयुक्त सदस्य नामित किये गये हैं।