पैदल ही अपने घरों को निकले लोगों की, मदद मे आगे आये ये लोग
March 28, 2020
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय मार्गो एवं अन्य स्थानों पर पैदल ही अपने घरों को निकले लोगों को जिला प्रशासन ने उनकों खाना खिलाकर उनके गन्तव्य स्थान तक पहुंचाने में मदद की।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इनमें ऐसे मजदूर शामिल है जो लॉकडाउन के चलते दिल्ली सहित अन्य प्रान्तों में फंस गए और वहां हो रही परेशानियों के चलते पैदल ही अपने गांवों के लिए निकल पड़े। सूत्रों ने बताया कि इन सभी का चिकित्सक परीक्षण कराने के बाद उनकों घरों को लिए रवाना किया गया है।
इटावा से प्राप्त समाचार के अनुसार कोरोना संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित सैकडो की तादाद में लोग आगरा-कानपुर हाइवे के जरिये अपने अपने घरों को बदहाल हालात में जाते हुए मिलने पर जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों की मदद करने के लिए बार्डर टू बार्डर छोटे-बड़े वाहनों से छोड़ने की ना केवल व्यवस्था की है बल्कि उनके खाना और पानी का बंदोबस्त किया है।
जिलाधिकारी जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि प्रशासन ने नगर पालिका परिषद के जरिए कम्युनिटी किचन को तैयार किया गया है जिसमें समाजसेवी संस्थाओं की मदद से जरूरतमंदों के लिए खाने का इंतजाम किया जा रहा है । इसी प्रकार इटावा जक्शंन पर भी मालगाड़ी में छिपकर सफर कर रहे लोगों उतार कर उनकों भोजन कराकर उनका मेडिकल जांच कराई और उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।
कौशाम्बी संवाददाता के अनुसार राजधानी लखनऊ से पैदल अपने गांव लौट रहे रीवा, मध्य प्रदेश निवासी आठ श्रमिकों को कौशांबी जिले की सीमा में प्रवेश करते ही पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। स्थानीय प्रशासन ने सभी मजदूरों को नगर पंचायत अजुहा स्थित रैन बसेरा में रहने की व्यवस्था की है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश के रीवा जिले के इन मजदूरों को एक ठेकेदार 19 फरवरी को लखनऊ स्थित है व्यवसायिक प्रतिष्ठान में काम दिलाने के लिए ले गया था। लेकिन कोरोनावायरस महामारी को लेकर सरकार द्वारा लाकडाउन लागू करने के चलते माल में काम कर रहे मजदूर बेरोजगार हो गए। रोजी रोटी के लिए मोहताज मजदूरों ने लखनऊ से पैदल ही रीवा के लिए प्रस्थान कर दिया।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कड़ा में मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई गई है उप जिलाधिकारी ने बताया की शीघ्र ही श्रमिकों को उनके निवास स्थान में भेजा जाएगा।