नई दिल्ली , लॉकडाऊन के कारण राशन व आर्थिक मदद की मांग को लेकर मजदूरों व कच्चे कर्मचारियों ने आज खाली बर्तन बजाकर अपने गुस्से का इजहार किया।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के आह्वान पर देशव्यापी आंदोलन के तहत गुड़गांव में भी मजदूर, सफाई कर्मचारी, आशाकर्मी, आंगनवाड़ीकर्मी, मिड-डे मीलकर्मी, रेहड़ी-पटरी वाले, ग्रामीण चौकीदार, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, किसानों, खेत मजदूरों आदि ने हिस्सा लिया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं।
जनवादी महिला समिति, खेत मजदूर यूनियन, किसान सभा, नौजवान सभा जैसे संगठनों के सदस्यों, कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए।
सीटू के जिला सहसचिव एस एल प्रजापति ने आरोप लगाया कि लॉकडाऊन को एक महीना हो चुका है और मजदूरों की बड़ी आबादी के पास राशन समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से मदद के प्रयास बेहद नाकाफी हैं। उन्होंने कहा कि अब केवल सरकार के भाषण से काम चलने वाला नहीं है, बल्कि मजदूरों को राशन व आर्थिक मदद मिलनी तथा जो मजदूर फैक्ट्रियों में काम करते हैं, उनको पूरा वेतन मिले और किसी को नौकरी से न हटाया जाए।
उन्होंने कार्य के घंटे आठ से बढ़ाकर बारह करने के प्रयासों की आलोचना की।
जनवादी महिला समिति की राज्य अध्यक्ष उषा सरोहा ने मांग कि की सभी मजदूर व जरूरतमंद परिवारों को तीन महीने का सूखा राशन नि:शुल्क दिया जाए व घर तक पंहुचाया जाए और प्रत्येक मजदूर व जरूरतमंद परिवार को जो टैक्सदाता नहीं है, उन्हें साढ़े सात हजार रुपये दिये जाएं।
उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरी सेवाओं में लगे कच्चे कर्मचारियों जैसे आशा, स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, आंगनवाड़ी, ग्रामीण चैकीदारों, मिड डे मील आदि को पूरे सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने की भी मांग की। कच्चे कर्मचारियों, स्कीम वर्कर्स को समान वेतन अथवा पारिश्रमिक दुगना करने की मांग भी उन्होेंने की।