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अच्छी खबर, देश में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने की रफ्तार में बड़ा परिवर्तन?

नयी दिल्ली, देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’के मरीजों के ठीक होने की रफ्तार में इजाफा हो रहा है और कल काेरोना के 388 मरीजों के ठीक होने के बाद यह संख्या बढ़कर 4257 हो गई है और ठीक होेने वाले मरीजाें का आंकड़ा बढ़कर 19़ .89 प्रतिशत हो गया है।

इसके अतिरिक्त पहले देश में चार जिले ऐसे थे जिनमें 28 दिनों से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया था लेकिन इसमें अब आठ जिले और जुड़ गए हैं और इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है जिनमें कनार्टक का चित्रदुर्ग, छत्तीसगढ़ का बिलासपुर, मणिपुर का पश्चिमी इंफाल, मिजोरम का एजल पश्चिम, तेलंगाना का भद्रादि कोथागुडम, उत्तर प्रदेश का पीलीभीत, पंजाब का एसीएस नगर और गोवा का दक्षिण गोवा जिला है। देश में 78 जिले ऐसे हैं जहां पिछले 14 दिनों से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में काेरोना पीड़ितों की संख्या इस समय 21393 है और बुधवार को 1409 नये मामले सामने आए थे। इसके अलावा 41 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 681 हो गई है।

उन्होने बताया कि कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की महामारी से लड़ने में देवदूत की भूमिका निभा रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान वाला कानून पूरे देश में लागू हो गया।
सरकार ने इस अध्यादेश के जरिए महामारी अधिनियम, 1897 में संशोधन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार सुबह हुई बैठक में इसे मंजूरी दी गयी थी।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने देर रात महामारी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 पर हस्ताक्षर किये।
इस अध्यादेश में प्रावधान है कि स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम सात साल की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। साथ ही किसी स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी या क्लीनिक आदि को नुकसान पहुंचाने वाले को उस संपत्ति के बाजार मूल्य की दुगुनी राशि हर्जाने के रूप में देनी होगी। इसमें 30 दिन के भीतर जांच और एक साल के भीतर सुनवाई पूरी करने का प्रावधान है। डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल कर्मचारियों समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों को यह कानून सुरक्षा मुहैया करायेगा।