नई दिल्ली, पेयजल तथा स्वच्छता ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज ग्रामीण भारत के लिए श्स्वच्छ सर्वेक्षण जारी करते हुए बताया कि मंडी और सिंधुदुर्ग देश के सबसे स्वच्छ जिले हैं। मई 2016 में शुरू किए गए ग्रामीण स्वच्छ सर्वेक्षण में 22 पहाड़ी जिलों और 53 मैदानी जिलों को शामिल किया गया था।
पहाड़ी जिलों में मंडी को सबसे अधिक स्वच्छ और मैदानी जिलों में सिंधुदुर्ग सबसे अधिक स्वच्छ जिले घोषित किए गए। सर्वेक्षण में सिक्किम के जिले, हिमाचल प्रदेश का शिमला, पश्चिम बंगाल का नादिया और महाराष्ट्र का सतारा जिला स्वच्छता सूचकांक में शीर्ष पर पाए गए।
मंत्रालय ने इस सर्वेक्षण के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया को जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रत्येक जिले का मूल्यांकन चार मापदंडों के आधार किया गया। मापदंडों में सबसे अधिक अंक स्वच्छ जल और शौचालय की सुलभता को दिए गए। स्वच्छता का दर्जा निर्धारण करने में चार बिंदुओं को शामिल किया गया था।
सर्वे में स्वच्छता का दर्जा निर्धारण करने में लोगों के लिए सुरक्षित शौचालय और इनका प्रयोग ;शौचालय का उपयोगए जल की सुलभता, जल का सुरक्षित निपटान के लिए 40 प्रतिशत, घरों के आसपास कूड़ा-कचरा फैला न होना के लिए 30 प्रतिशत, सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा-कचरा फैला न होने के लिए 10 प्रतिशत तथा घरों के आसपास गंदे जल का जमाव न होना के लिए 20 प्रतिशत शामिल है।
श्री तोमर ने इस घोषणा पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए जिला प्रशासकों, पार्षदों और 75 जिलों के सभी ग्राम पंचायतों को स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने और सर्वे में भाग लेने तथा कीमती प्रतिक्रिया देने के लिए बधाई दी। उन्होंने मंडी और सिंधुदुर्ग को भी स्चच्छ भारत मिशन का नेतृत्व करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक व्यवहार संबंधी जरूरी परिवर्तन का उदाहरण पेश करने के लिए बधाई दी।