20000 करोड़ की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा योजना पर रोक लगाने से, सुप्रीम कोर्ट ने किया इन्कार

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार की 20 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा योजना पर फिलहाल रोक लगाने से गुरुवार को इन्कार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने राजीव सूरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए योजना पर रोक लगाने से फिलहाल इन्कार कर दिया और याचिकाकर्ता को याचिका में संशोधन करने की सलाह दी।

सुनवाई के दौरान श्री सूरी ने मामले की त्वरित सुनवाई का भी अनुरोध किया तो न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, “कोरोना के कारण कोई काम नहीं होने वाला है। इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं। पहले से ही ऐसी याचिका शीर्ष अदालत में लंबित हैं तो आप इसमें संशोधन कीजिए।”

केंद्र सरकार की ओर से पेश साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “एक नयी संसद का निर्माण किया जा रहा है। किसी को कोई समस्या क्यों होनी चाहिए?”

श्री सूरी ने सेंट्रल विस्टा योजना के लिए भूमि उपयोग में परिवर्तन को गैर-कानूनी बताते हुए याचिका दायर की है। सेंट्रल विस्टा योजना के तहत केंद्र सरकार एक नया संसद भवन, एक नया आवासीय परिसर बनाकर उसका पुनर्विकास करने का प्रस्ताव कर रही है जिसमें प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के अलावा कई नए कार्यालय भवन होंगे।

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