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समाजवादी पार्टी भी प्रवासी मजदूरों का किराया वहन करने के लिए तैयार

लखनऊ, समाजवादी पार्टी ने कहा कि यदि सरकार सहायता फण्ड में करोड़ों रूपये रहते दिवालिया हो गयी है, तो समाजवादी पार्टी इन प्रवासी मजदूरों का किराया वहन करने के लिए तैयार है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने अधिकारियों पर कोरोना संक्रमितों की संख्या छिपाने का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार को जांच क्षमता में बढ़ोत्तरी करने और प्रवासी श्रमिकों का यात्रा खर्च वहन करने की मांग की है।

सपा नेता ने कहा कि लाकडाउन के चलते लाखों प्रवासी कामगारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। सरकार ने घोषणा की थी कि इन्हें निःशुल्क घर वापसी की व्यवस्था की जायेगी, लेकिन प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की कोई योजनावद्ध एवं पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। दो दिन पहले रेलगाड़ियाें से भेजे जाने वाले लोगों से दोगुना-तीन गुना तक किराया वसूला गया है जो बहुत ही निन्दनीय है। यदि सरकार सहायता फण्ड में करोड़ों रूपये रहते दिवालिया हो गयी है, तो समाजवादी पार्टी इन प्रवासी मजदूरों का किराया वहन करने के लिए तैयार है।

श्री चौधरी ने आज जारी बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र का हवाला देते हुये कहा कि राज्य में हर रोज सिर्फ कोविड-19 के 2100 नमूनों की जांच हो रही है जो काफी कम है। अगर पर्याप्त मात्रा में जांच की व्यवस्था हो, तो मरीजों की सही संख्या सामने आयेगी और इसे भयावह स्थिति तक पहुॅचने से रोका जा सकेगा।

उन्होने कहा कि संज्ञान में आया है कि अधिकारियों द्वारा जानबूझकर वास्तविक संक्रमितों की संख्या छुपाई जा रही है। यहां तक कहा जा रहा है कि वास्तविक आंकड़े छिपाने के लिए प्रशासन द्वारा चुपचाप अंतिम संस्कार तक करा दिया जा रहा है। यदि यह खबरें सही हैं तो बेहद खतरनाक एवं आत्मघाती हैं। कोरोना से मौतों को जो छिपा रहे हैं, वो समाज के दुश्मन हैं। आंकड़ों के खेल से संक्रमितों की संख्या छिपाने से कोरोना नहीं जायेगा उल्टे और भयंकर स्थिति उत्पन्न हो जायेगी।

उन्होने कहा कि दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश में कितने प्रवासी कामगार आयेंगे, उनको 14 दिनों तक कहा-कहाॅ क्वारंटीन किया जायेगा, इसका सही आंकलन अभी तक नहीं हो सका है। अधिकारियों के जो हैल्पलाइन नम्बर प्रचारित किये गये है, वह जरूरतमंदों द्वारा डायल करने पर उठते ही नहीं हैं और जो जैसे- तैसे उठ भी जाते हैं, उन पर नियुक्त अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा दूसरे से सम्पर्क करने को बोलकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी जाती है।

श्री चौधरी ने कहा कि उनकी मांग है कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के घर वापसी की निःशुल्क व्यवस्था हो, क्वारेन्टाइन सेन्टरों में बेहतर व्यवस्थाएं हो, जाॅच प्रणाली को व्यापक किया जाय, आंकड़ेबाजी के बजाय जनता के सामने सही आंकड़े लाकर संक्रमितों का सही ईलाज किया जाय ताकि भयावह स्थिति उत्पन्न न हो पाये और लोग गंभीरता को बेहतर समझ कर सुरक्षित रह सकें।