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चंद अधिकारियों के बूते कोरोना से नही लड़ा जा सकता: अखिलेश यादव

लखनऊ , समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज उठाना भाजपा सरकार को गंवारा नहीं है। उसको इसमें अपना सिंहासन डोलने का खतरा लगने लगता है।

अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं और मान्यताओं की तिलांजलि दी जा रही है। विपक्ष से तो क्या मुख्यमंत्री जी को अपने विधायक से भी डर लगने लगा है। आखिर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने से परहेज क्यों किया जा रहा है।

इसमें विधायक कोरोना संकट के समाधान के बारे में चर्चा करते, उपाय बताते जिससे सरकार को मदद मिलती। चंद अधिकारियों के बूते इस भयंकर समस्या का सामना नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री दावे चाहे जितने करें कोरोना संक्रमरण के हालात सुधर नहीं रहें है।

उन्होने कहा कि आगरा-कानपुर-लखनऊ के बाद मेरठ में लगभग 60 लोगों का कोरोना संक्रमित होना भयावह स्थिति की ओर इशारा करता है। बिजनौर के डाॅक्टर की मेरठ में कोरोना के कारण मृत्यु दुःखद है। आगरा में कोरोना मरीजों का बुरा हाल है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि लाॅकडाउन में भोजन के लिए बेबस महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग क्वारंटाइन सेंटर से बाहर आते हैं तो उन पर पुलिस लाठीचार्ज करती है, यह प्रशासनिक संवेदनशून्यता की हद है। विभिन्न राज्यों में फंसे लाखों कामगारों का कोई भविष्य नहीं है। समाजवादी सरकार में श्रमकल्याण की योजनाएं लागू की गई थी। उनके अलावा भाजपा राज के तीन वर्षों में कुछ भी नहीं है।

उन्होने कहा कि विदेशों से लोगों को जहाजों से फ्री में लाया जा रहा है जबकि श्रमिक कह रहे है कि टिकट लेने पर ही उन्हें रेल यात्रा की सुविधा मिली है। अब झूठ छुपाने को तरह-तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं। लाॅकडाउन की वजह से सूरत में फंसे उत्तर प्रदेश के एक मजदूर मनोज सिंह ने आत्महत्या कर ली। गाजियाबाद से पैदल अम्बेडकर नगर घर जा रहा युवक अपनी जान गंवा बैठा। आर्थिक तंगहाली के चलते और कितनी जाने जाएंगी।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में उत्तर प्रदेश बर्बाद हो चला है। किसान तबाह है, आत्महत्या कर रहा है। उसकी फसल की लूट हो रही है। गन्ना किसान को बकाया नहीं मिला। बच्चियों से बलात्कार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कामधंधे बंद है और शिक्षा संस्थानों में ताले लगे हैं। देशभर में मजदूरों को लग रहा है कि उन्हें भाजपा सरकार ने अपना बंधक बना लिया हैं।