नयी दिल्ली , जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने दिल्ली पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगायें हैं।
शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल और सचिव सुजीत मजूमदार ने जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि पुलिस एक खास समुदाय के लोगों को और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने वालों को कुचलने में लगातार लगी है। जेएनयू परिसर में पिछले दिनों हुए बाहरी छात्रों के हिंसा की घटना में भी पुलिस की यही भूमिका रही।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने कोरोना महामारी के समय हाल ही में इन दोनों छात्राओं को पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी आंदोलन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है जबकि यह दोनों छात्राएं शांतिपूर्ण आंदोलन कर रही थी।
शिक्षक संघ ने कहा है कि जब पूरे देश में कोरोना महामारी से लोग परेशान हैं वैसे में पुलिस द्वारा निर्दोष छात्राओं को गिरफ्तार करना निंदात्मक कार्रवाई है इसलिए इन दोनों छात्राओं को अविलंब रिहा किया जाए और मुकदमे वापस लिए जाएं।
शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगे को रोकने में न केवल विफल रही बल्कि वह मूकदर्शक भी बनी रही लेकिन उसने उल्टे इन छात्राओं को झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया। विश्वविद्यालय की दो छात्राओं देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को लॉकडाउन के दौरान पुलिस द्वारा झूठे आरोपों में फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।