नई दिल्ली, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि लॉकडाउन का मकसद फेल हो चुका है, देश इसके नतीजे भुगत रहा है। लॉकडाउन के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज चौथी बार पत्रकारों से बात की है।
राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्मीद थी कि कोरोना 21 दिन में कंट्रोल हो जाएगा। मगर 60 दिन हो चुके हैं और केसेज बढ़ते जा रहे हैं। भारत उन देशों में से हैं जहां कोरोना सबसे तेजी से फैल रहा है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि पीएम और उनके एडवायजरी स्टाफ ने ये उम्मीद नहीं की थी कि ऐसा हो जाएगा।
उन्होने कहा कि भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां कोरोनावायरस तेजी से बढ़ने के बावजूद लॉकडाउन हटाया जा रहा है। लॉकडाउन का मकसद फेल हो चुका है, देश इसके नतीजे भुगत रहा है। राहुल ने कहा कि चार फेज के लॉकडाउन के बाद भी वे नतीजे नहीं मिले जिनकी उम्मीद प्रधानमंत्री कर रहे थे।
राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के 4 स्टेज फेल हो चुके हैं, ऐसे में मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आगे के लिए उसकी क्या रणनीति है। मजदूरों के लिए क्या व्यवस्था है, MSMEs को कैसे खड़ा करेंगे? सरकार कहती है कि GDP का 10% पैकेज के रूप में दिया है मगर असल में 1 पर्सेंट ही मिला है। मजदूरों से मुलाकात पर राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं उनसे मिला तो कुछ ने कहा कि ‘हमारा भरोसा टूट गया’। राहुल ने कहा कि मुझे किसी के मुंह से यह सुनना पसंद नहीं, चाहे अमीर हो या गरीब। सरकार अभी भी उनकी मदद कर सकती है।
राहुल ने कहा कि फरवरी में जो चेतावनी मैंने सरकार को दी थी, वही आज भी कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरा काम देश की समस्याओं के बारे में सरकार को आगाह करना है। उन्होंने कहा कि “मेरे कुछ जानने वाले पॉलिसीमेकर्स बताते हैं कि सरकार सोचती है कि अगर बहुत सारा पैसा गरीब लोगों को दे दिया तो बाहर के देशों में गलत इम्प्रेशन चला जाएगा, हमारी रेटिंग खराब हो जाएगी। मैं फिर से कह रहा हूं कि हिंदुस्तान की इमेज बाहर नहीं बनती, हिंदुस्तान के अंदर बनती है।” उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की शक्ति की रक्षा करने की जरूरत है। इसके लिए 50 फीसदी लोगों को डायरेक्ट कैश देना होगा। महीने का साढ़े सात हजार रुपये देना होगा।
उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए बसों से जुड़े विवाद पर राहुल गांधी ने कहा कि ‘लोग पहले भारतीय हैं और फिर वे राज्यों के। कोई किस राज्य से कहां जाकर काम करेगा, यह किसी राज्य का मुख्यमंत्री नहीं तय करेगा।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘यूपी सीएम ने मजदूरों को पर्सनल प्रॉपर्टी की तरह यूज किया है।’
चीन से चल रहे तनाव पर राहुल ने कहा कि सरकार को ये साफ-साफ बताना चाहिए कि कब-कब और क्या-क्या हुआ? नेपाल में क्या हुआ था और अब लद्दाख में क्या हो रहा है? इस बारे में अभी तक पारदर्शिता नहीं है।