Breaking News

देश में एक बार फिर बढ़े कोरोना संक्रमण के नये मामले, इस राज्य मे स्थिति खराब

नयी दिल्ली, देश में दो दिन तक कोरोना वायरस (कोविड 19) से संक्रमण के नये मामलों में आंशिक कमी के बाद पिछले 24 घंटों के दौरान एक बार फिर वृद्धि दर्ज की गयी है और 6566 नये मामलों के साथ संक्रमितों की कुल संख्या 1,58,333 पर पहुंच गयी तथा इस अवधि में 194 लोगों की मौत के साथ मृतकों का आंकड़ा 4531 पर पहुंच गया है।

पिछले 24 घंटों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में इससे संक्रमित 3266 लोग ठीक हुए हैं जिससे स्वस्थ हुए लोगों की कुल संख्या 67692 हो गयी है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार देश के विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश में अब तक इससे 1,58,333 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4531 लोगों की मौत हुई है। देश में फिलहाल कोरोना के कुल 86110 सक्रिय मामले हैं। देश में बुधवार और मंगलवार को नये मामलों में कमी देखी गयी थी। बुधवार को 6387 तथा मंगलवार को 6535 नये मामले सामने आये थे।

महाराष्ट्र इस महामारी से देश में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इस राज्य में कोरोना ने बहुत कहर बरपाया है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 2190 नये मामले सामने आये हैं। इसके बाद राज्य में अब तक इससे प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 56,948 हो गई है। राज्य में इस जानलेवा विषाणु से अब तक 1897 लोगों की मौत हुई है तथा 17,918 इसके संक्रमण से ठीक हुए हैं।

महाराष्ट्र इस महामारी से देश में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इस राज्य में कोरोना ने बहुत कहर बरपाया है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 2190 नये मामले सामने आये हैं। इसके बाद राज्य में अब तक इससे प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 56948 हो गई है। राज्य में इस जानलेवा विषाणु से अब तक 1897 लोगों की मौत हुई है तथा 17918 इसके संक्रमण से ठीक हुए हैं।
कोरोना वायरस से प्रभावित होने के मामले में तमिलनाडु दूसरे नंबर पर है। तमिलनाडु में अब तक 18545 लोग इससे संक्रमित हुए हैं तथा 133 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 9909 लोगों को उपचार के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है।
कोविड-19 से प्रभावित होने के मामले में देश की राजधानी दिल्ली 16 हजार से अधिक मामलों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गयी है। यहां कोरोना का पिछले 24 घंटों में सबसे भयावह रूप सामने आया और रिकार्ड 1024 नये मामलों से संक्रमण की चपेट में आये लोगों का आंकड़ा 16 हजार को पार कर गया। संक्रमण प्रभावितों की कुल संख्या 16281 पर पहुंच गई। इस दौरान 13 मरीजों की मौत से संक्रमण मृतकों की संख्या 316 हो गई। बुधवार को 792 मामले सामने आये थे और पंद्रह की मौत हुई थी। दिल्ली में फिलहाल वायरस के सक्रिय मामले 8470 हैं। इस दौरान 231 मरीज ठीक हुए और अब तक 7495 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
पश्चिमी राज्य गुजरात चौथे नंबर पर है। गुजरात में अब तक 15195 लोग इससे संक्रमित हुए हैं तथा 938 लोगों ने जान गंवाई है। इसके अलावा 7549 लोग इस बीमारी से उबरने में कामयाब हुए हैं।
राजस्थान में भी कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 7703 हो गयी है तथा 173 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4457 लोग पूरी तरह ठीक हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की चपेट में अब तक 6991 लोग आये हैं तथा 182 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 3391 लोग इससे ठीक हुए हैं।
पश्चिम बंगाल में 4192 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 289 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 1578 लोग ठीक हुए है।
तेलंगाना में अब तक कोरोना से 2098 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 63 लोगों ने कोरोना के कारण जान गंवाई है। वहीं 1284 लोग अब तक इससे ठीक हुए हैं।
दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में 3171 और कर्नाटक में 2418 लोग संक्रमित हैं तथा इन राज्यों में इससे मरने वालों की संख्या क्रमश: 58 और 47 है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1921 हो गई है और 26 लोगों की मृत्यु हुई है।
इसके अलावा पंजाब में 40, हरियाणा में 18, बिहार में 15, ओडिशा और केरल में सात-सात, हिमाचल प्रदेश में पांच, झारखंड, असम ,चंडीगढ़ और उत्तराखंड में चार-चार तथा मेघालय में इस महामारी से एक व्यक्ति की मौत हुई है।
इस बीच देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक संस्थान, औद्योगिक जगत और अन्य इकाईया वैक्सीन और दवाओं को बनाने के लिए सतत प्रयास कर रही हैं और कुछ के नतीजे काफी सकारात्मक पाए गए हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल और केन्द्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर के विजय राघवन ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा कोविड-19 से संबंधित टीकों, औषधि खोज, नैदानिकी और परीक्षण क्षेत्रों में जारी गतिविधियों पर आज यहां मीडिया को यह जानकारी दी।
टीकों के संबंध में यह बताया गया कि यह प्रक्रिया आमतौर पर धीमी और अनिश्चितताओं से भरी होती है लेकिन, कोविड-19 के खिलाफ सफलता प्राप्ति के लिए बड़ी संख्या में समानांतर प्रयास करने की भी आवश्यकता है। ऐसा वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। भारतीय शैक्षणिक समुदाय और स्टार्ट-अप वैक्सीन के लिए बहुत ही मजबूत प्रयास भारतीय वैक्सीन उद्योग में हो रहे हैं। तीन प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। पहला प्रयास स्वदेशी है। दूसरा प्रयास वैश्विक स्तर पर सहयोगात्मक है, जिसमें भारतीय संगठन अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और तीसरा प्रयास वैश्विक प्रयास है जिसमें भारतीय भागीदारी है। इतने बड़े पोर्टफोलियो के साथ विनिर्माण और भंडारण के लिए जोखिम कम करने के प्रयासों के बाद सफलता का बेहतर आश्वासन मिलता है।
उन्होेंने बताया कि वैक्सीन खोज पर हमारे वैज्ञानिक प्रयासों में तीन दृष्टिकोण अपनाए जा रहे हैं। पहला, मौजूदा दवाओं का पुनः प्रस्तुतीकरण, यह देखने के लिए कि यह वायरस के खिलाफ कितना प्रभावी है और रोग के परिणामों को कम करने में कितना सक्षम है। दूसरा, पादप-औषधीय और औषधीय पौधों से निकले अर्क का परीक्षण किया जा रहा है। अंत में विभिन्न दृष्टिकोणों का उपयोग करते हुए कम्प्यूटेशनल दवा की खोज के लिए ‘हैकथॉन’ सहित नई दवा की खोज की जा रही है।
अनुसंधान प्रयासों के एक सम्मिश्रण के नतीजे नये परीक्षण और परीक्षण किट में सामने आए हैं। इनमें वायरस का पता लगाने और एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए नए परीक्षण भी शामिल हैं। बाद वाले का उपयोग सीरोलॉजिकल अध्ययनों के लिए किया जा रहा है।इन विकासों में प्रगति हमारे वैज्ञानिकों, संस्थानों और विज्ञान एजेंसियों के सहयोगात्मक प्रयासों से ही संभव हो सकी है। गुणवत्ता के साथ गति को मिलाकर नियामक प्रणाली को भी बारीकी से जोड़ा गया है।