नयी दिल्ली , भारत में बढ़ते कोविड मामलों के बीच अस्पताल और सरकार, अस्पताल और बीमा कम्पनियों तथा आम जनता में कोविड के इलाज के खर्चों को लेकर विश्वास कम होने लगा है। भारत और पूरी दुनिया के चिकित्सक अभी भी कोविड-19 के इलाज का स्पष्ट प्रोटोकॉल कायम करने में असफल रहे हैं। ऐसे में मरीजों को उपचार की सलाह देना बहुत बेहद मुश्किल हो रहा है।
कोरोना वायरस के इलाज को बढ़ावा देने के लक्ष्य से फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के तहत गठित फिक्की कोविड-19 रिस्पांस टास्क फोर्स ने तर्कसंगत खर्च का प्रारूप तैयार किया है।
फिक्की द्वारा तैयार प्रारूप के अनुसार खुद की जेब से खर्च करने वाले मरीज को आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए प्रति दिन 17,000रुपये और आईसीयू के लिए प्रति दिन 45,000 रुपये (वेंटिलेटर के साथ) का भुगतान करना चाहिए। इनमें दवाइयां, कंज्यूमेबल्स और बुनियादी जांच शामिल हैं लेकिन पीपीई की कीमत, महंगी दवाइयों और किसी भी सह-रुग्णता को इससे बाहर रखा गया है। ये दरें सांकेतिक हैं और अलग-अलग अस्पतालों में इनमें 5-10 प्रतिशत तक अंतर हो सकता है।