भोपाल, कोरोना महामारी के संकट के दौर में सुखद तस्वीरें भी नजर आ रही है। भोपाल से गुजरती एक गाड़ी में सवार तीन माह की बच्ची की भूख को मिटाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के जवान ने दूध का पैकेट बच्चे की मां तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस घटनाक्रम के वीडियों को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा है कि ‘एक हाथ में राइफल और एक हाथ में दूध। किस तरह भारतीय रेलवे ने उसैन बोल्ट को पछाड़ा।’
भोपाल में चलती ट्रेन के एक कोच में एक बच्चे को दूध पिलाने और देश भर में दिल जीतने वाले रेलवे पुलिसकर्मी भारतीय रेलवे के पोस्टर ब्वॉय बन गए हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की गई सेवाओं पर एक वीडियो ट्वीट करते हुए रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के सिपाही इंदर यादव की तुलना विश्व के महान धावक उसैन बोल्ट से की है।
5 मई को, भोपाल रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ जवान इंदर यादव ने कर्नाटक से गोरखपुर जा रही, श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सफर कर रही साफिया हाशमी की मदद करके एक मिसाल पेश की। साफिया की तीन महीने की बच्ची भूखी थी और उसे दो दिन से दूध नहीं मिला था।
भोपाल स्टेशन पर साफिया ने इंदर से मदद मांगी. इंदर जब तक बाहर जाकर दूध लाए, ट्रेन प्लेटफॉर्म से चल दी। इंदर एक हाथ में राइफल संभाले और दूसरे हाथ में दूध का पैकेट लिए दौड़ पड़े. उन्होंने साफिया तक दूध पहुंचाया. ये पूरा वाक्या प्लेटफॉर्म पर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गय।
इंदर सिंह यादव ने बच्चे के लिए दूध पहुंचाकर इंसानियत की एक नई मिसाल पेश की है, जिसके लिए इंदर सिंह को ‘कैप्टन रेलवे’ सम्मान से सम्मानित किया गया है. ग्वालियर के रहने वाले 33 वर्षीय इंदर ने साल 2009 में आरपीएफ जॉइन किया था.अपने इस काम से इंदर सिंह ने साबित कर दिया कि खाकी पहने इंसान के अंदर भी एक नेक दिल इंसान बसता है.