नयी दिल्ली , जम्मू कश्मीर पुलिस ने दो आतंकवादियों को हथियारों और गोला बारूद के साथ श्रीनगर से बाहर जाते हुए एक नाके से हिरासत में लिया था। उस समय उनके साथ पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह भी था।
पूछताछ के दौरान पता चला कि ये सभी आरोपी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहीद्दीन और पाकिस्तानी एजेन्सी के साथ सांठ गांठ कर भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रच रहे थे।
आरोपी देविंदर सिंह खुफिया सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के कुछ अधिकारियों के संपर्क में भी था। पाकिस्तानी अधिकारी उसका इस्तेमाल संवेदनशील जानकारी एकत्र करने के लिए कर रहे थे। वह आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकानों की भी व्यवस्था कराता था। उसने आतंकवादियों की आवाजाही के लिए अपनी कार का भी इस्तेमाल किया और उनकी हथियारों की खरीद में भी मदद की।
मामले की जांच अभी जारी है और एजेन्सी आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
राष्ट्रीय जांच एजेन्सी ने एक आतंकी मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व पुलिस उपाधीक्षक देविंदर सहित छह लोगों के खिलाफ जम्मू की विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।
एनआईए के अनुसार इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 121, 121 ए, और 122, गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम 1967 की धारा 17,18, 18 बी, ,19, 20, ,23, 38,39 और 40, शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1) (ए) और 35 तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 5 के तहत आरोप तय किये गये हैं।
आरोपियों में निलंबित पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह के अलावा हिज्बुल मुजाहीद्दीन आतंकवादी नावेद बाबू, वकील इरफान शफी मीर, हिज्बुल आतंकवादी रफी अहमद राथर, पूर्वी एलओसी व्यापारी तनवीर अहमद वानी और नावेद बाबू का भाई सैयद इरफान अहमद शामिल हैं।
गत 11 जनवरी में जम्मू कश्मीर पुलिस ने दो आतंकवादियों को हथियारों और गोला बारूद के साथ श्रीनगर से बाहर जाते हुए एक नाके से हिरासत में लिया था। उस समय उनके साथ पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह भी था। उसी दिन चार अन्य आतंकवादियों को भी पकड़ा गया था।
इसके बाद 17 जनवरी को एनआईए ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया। गिरफ्तार आतंकवादियों से पूछताछ के आधार पर कश्मीर घाटी और जम्मू में 15 स्थानों पर छापे मारे गये थे।