टोक्यो, जापान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक 44 लोगों की मौत हो गई है।
स्थानीय सरकार के अनुसार 44 में से 14 लोगों की मौत कुमा नदी के पास स्थित एक नर्सिंग होम में हुयी है जो भीषण बाढ़ की वजह से तबाह हो गया। उन्होंने बताया कि दस लोग अभी भी लापता हैं जिनका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा हैं।
इस बीच जापान के मौसम विभाग ने देश के फुफुको, नागासाकी और सागा प्रांत तथा क्युशु क्षेत्र में भारी से भारी वर्षा की उच्च स्तरीय चेतावनी जारी करते हुए लोगों से सुरक्षित रहने के लिए सभी तरह के उपाय उठाने की अपील की हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुमामोटो, मियाज़ाकि और कागोशिमा क्षेत्र के 254000 लोगों को सोमवार दोपहर तक सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया हैं। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सरकारी अधिकारीयों से भारी बारिश और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित लोगों को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से सतर्क रहने और स्थानीय सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने की भी अपील की हैं।
इसके अलावा एनएचके ब्रॉडकास्टर ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इससे पहले रविवार को अधिकारियों ने कहा था कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण 24 लोगों की मौत हाे चुकी है जबकि 12 लोग लापता हैं। जापान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में शनिवार सुबह हुई भारी बारिश के कारण कुमा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया। इसके कारण कुमामोतो प्रांत के 30 जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। अधिकतर इलाकों में चार इंच प्रति घंटे की रफ्तार से बारिश हुई है।
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने देश के दक्षिण-पश्चिम इलाके में तीन प्रांतों के लिए भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक बाढ़ और भूस्खलन के कारण इन इलाकों में हालात बहुत ही गंभीर हो सकते हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोगों से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों की ओर शरण लेने को कहा गया है अथवा अपने मकानों की छतों पर चढ़ने का सुझाव दिया गया है।
जापान सरकार ने राहत कार्यों में जुटे स्थानीय बचावकर्मियों की मदद के लिए सेना के 10 हजार जवानों की तैनाती की है।