नयी दिल्ली, समय पर अदालती समन और नोटिस आदि तामिल कराने में होने वाली दिक्कतें अब दूर होंगी, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने ‘इंस्टेंट टेली-मैसेजिंग’ सेवा के जरिये समन/नोटिस तामील कराने की अनुमति प्रदान कर दी है।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की खंडपीठ ने ‘समय सीमा विस्तार’ (लिमिटेशन) से संबंधित स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सभी अदालतें इंस्टेंट टेली-मैसेजिंग सेवा के जरिये नोटिस और समन भेज सकेंगी।
न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, “हमारे ध्यान में यह लाया गया है कि नोटिस और समन जैसी सेवाओं के लिए डाकघर जाना संभव नहीं है। ऐसे में ये सारी सेवाएं ईमेल, फैक्स और अन्य इंस्टेंट मैसेंजर सेवाओं यथा- व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के जरिये प्रदान की जा सकती हैं।”
न्यायालय ने कहा कि व्हाट्सऐप पर ब्लू टिक लगने को नोटिस तामील माना जाएगा, अगर किसी ने यह फीचर बंद कर रखा है तो अदालत यह तय करेगी कि सर्विस को पूरा माना जाए या नहीं।
न्यायालय ने भारतीय रिजर्व बैंक को कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर चेक की वैधता बढ़ाने की भी अनुमति दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह उचित होगा कि इसमें आरबीआई अपने विवेक का इस्तेमाल करे।