कानपुर, कानपुर के बर्रा से अपहृत संजीत यादव कांड में एक महीने से अधिक गुजर जाने के बाद पुलिस खुलासे के करीब है।
सूत्रों के अनुसार, संजीत के ही छह दोस्तों ने पैसों के लिए अपहरण किया था। पुलिस ने अस्पताल में काम करने वाले व कुछ बाहरी दोस्तों को बृहस्पतिवार को पकड़ा है। गुरुवार देर रात पुलिस ने संजीत की बाइक, बैग आदि बरामद करने के लिए पांडु नदी में गोताखोर उतरवाए और जाल भी डलवाया लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
पता चला है कि संजीत को बरामद करने के लिए एक टीम गाजियाबाद और दूसरी बिंदकी भेजी गई थी। अपहर्ता पुलिस से बचने के लिए चार पहिया वाहन से इधर-उधर घूम रहे थे।
बर्रा पांच निवासी चमन सिंह यादव के इकलौते बेटा संजीत यादव का 22 जून की शाम अपहरण हो गया था। दूसरे दिन परिजनों ने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय से बेटे के लापता होने की तहरीर दी थी। इसके बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही।
29 जून की शाम से अपहर्ताओं ने पिता को फोन कर 30 लाख की फिरौती मांगनी शुरू कर दी। 13 जुलाई की रात पुलिस ने फिरौती की रकम लेकर परिजनों को भेजा। अपहर्ता गुजैनी पुल से फिरौती की रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस देखती रह गई।
इस घटना के बाद एसएसपी दिनेश कुमार पी ने इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित कर दिया था। इसके बाद एसओजी, सर्विलांस टीम और कई थानों की पुलिस खुलासे में लगाई गईं है।
पुलिस की ओर से कोई स्पष्ट जवाब न मिलने से परिवार के लोग दिनभर परेशान रहे। उन्हें अनहोनी की आशंका सताती रही। 30 लाख फिरौती दिये जाने के बाद भी पुलिस अपहरणकर्ताओं तक नही पहुंच पाई है।