नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने किसी मामले के अभियुक्त को 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने के लिए तंत्र विकसित करने के निर्देश संबंधी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने अविषेक गोयनका की जनहित याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता की मांग संबंधी कई दिशानिर्देश पहले से ही मौजूद हैं और अब कोई दिशानिर्देश देने की जरूरत नहीं है।
याचिकाकर्ता ने अभियुक्त को 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी की प्रमाणित उपलब्ध कराने के लिए तंत्र विकसित करने के वास्ते सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों एवं राज्यों के गृह सचिवों को दिशानिर्देश देने की मांग की थी।