लखनऊ , कोरोना से बचाव को लेकर जो लोग अपने हाथों को सेनेटाइज कर यह समझ लें रहे हैं कि अब उनका हाथ स्वच्छ हो गया है। यह उनकी दुविधा हो सकती है। क्योंकि साफ हाथ पर ही सेनेटाइजर अच्छी तरह काम करता है।
मेरठ मेडिकल कालेज के प्रोफेसर विनय जायसवाल और गोंडा के वरिष्ठ परामर्शदाता डा.पीके मिश्रा ने रविवार को देवरिया मे संयुक्त रूप से पत्रकारों को बताया कि इस बीमारी से निपटने में बचाव ही एक मात्र उपचार है। डाक्टर द्वय ने बताया कि बहुत जरूरी होने पर ही लोग अपने घरों से बाहर निकले।इस दौरान अपने चेहरे को फेस मास्क या रूमाल से ढक कर बाहर जाये। लोगों से शारीरिक दूरी बनाते रखे।अपने हाथ को साबुन से अच्छी तरह से धोते रहें।
प्रो जायसवाल ने बताया कि जो लोग अपने हाथों को सेनेटाइज कर यह समझ लें रहे हैं कि अब उनका हाथ स्वच्छ हो गया है। यह उनकी दुविधा हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर हाथ पर धूल मिट्टी आदि लगी होगी तो सेनेटाइजर पूरी तरह से काम नहीं कर सकता है।इसके लिए हाथों पर लगी धूल आदि को साफ करना साबुन सबसे अच्छा विकल्प साबित हो रहा है। साफ हाथ पर ही सेनेटाइजर अच्छी तरह काम करता है।
उत्तर प्रदेश के देवरिया में चिकित्सकोें ने लोगों से कोरोना से बचाव की अपील करते हुये कहा है कि वैश्विक महामारी की कोई विशेष कारगर दवा नहीं है। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए आमजन को अपनी सहभागिता निभानी होगी।
उन्होने बताया कि कोरोना काल में भी लोगों पर टीकाकरण कराने में विशेष रूचि रखनी होगी। क्योंकि टीका बहुत से बीमारियों में बच्चों सहित हम सब की रक्षा करता है। इसलिए सरकार का विशेष जोर है कि लोग टीकाकरण कराते रहे। उन्होंने कोविड बीमारी से प्रभावी बचाव के लिए समाज के सभी लोगों के सहभागिता पर बल दिया।
इस दौरान जिलाधिकारी अमित किशोर ने कहा कि यहां कोविड-19 को देखते हुए करीब बारह सौ वेडों को विभिन्न अस्पतालों में स्थापित किया गया है और इसके लिए नौ टीमें बनाई गई हैं,जो कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज में लगी हुई है। उन्होंने बताया कि यहां भरपूर मात्रा में पीपीई किट मौजूद हैं और जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा कोरोना से दो दो हाथ करने के लिए लगा हुआ है।