लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के तीन बड़े राज्यों में उच्च क्षमता की टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध होने से बड़ी संख्या में कोविड-19 की जांच की जा सकेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना टेस्टिंग के लिए आईसीएमआर की तीन नयी उच्च क्षमता की टेस्टिंग सुविधाओं का लोकार्पण किया। कोलकाता, मुबंई और नोएडा में स्थापित इन सुविधाओं के लिये श्री मोदी का आभार जतातेे हुये श्री योगी ने कहा कि इससे जांच के समय में भी कमी आएगी तथा टेक्नीशियन में संक्रमण की आशंका भी कम होगी। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ने से संक्रमण को रोकने में भी मदद मिलेगी।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में टेस्टिंग क्षमता तेजी से बढ़ी है। पिछली 23 मार्च को राज्य में 72 टेस्ट हुए थे जबकि 26 जुलाई को एक लाख छह हजार से अधिक टेस्ट किए गए हैं। राज्य में आरटीपीसीआर, ट्रूनेट मशीन तथा रैपिड एन्टीजन किट के माध्यम से टेस्ट किए जा रहे हैं। आरटीपीसीआर के माध्यम से राज्य में प्रतिदिन 40 हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं।
श्री योगी ने कहा कि सभी जिला चिकित्सालयों तथा राजकीय मेडिकल काॅलेजों में ट्रूनेट मशीनों के माध्यम से टेस्ट किए जा रहे हैं। वर्तमान में रैपिड एन्टीजन किट के माध्यम से प्रतिदिन 56 हजार टेस्ट हो रहे हैं। इन्हें बढ़ाकर प्रतिदिन एक लाख किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य में प्रति दिन 10 लाख टेस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए सरकारी कार्यालयों, औद्योगिक संस्थाओं आदि में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करायी गयी है। प्रदेश की 59 हजार ग्राम पंचायतों और 12 हजार नगरीय निकाय के वाॅर्डों में पल्स आक्सीमीटर, इन्फ्ररेड थर्मामीटर, ग्लव्स, मास्क, सैनिटाइजर से युक्त टीमें डोर-टू-डोर सर्वे के लिए लगायी गयी हैं। इन टीमों द्वारा कोरोना संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों का रैपिड एन्टीजन टेस्ट किया जा रहा है। इससे संक्रमण रोकने में मदद मिल रही है।
श्री योगी ने कहा कि अप्रैल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन लगभग छह हजार टेस्ट किए जा रहे थे। इसमें प्रदेश का योगदान छह प्रतिशत था जबकि जुलाई में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन सम्पन्न होने वाली कोविड-19 की जांचों में राज्य का योगदान बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है। इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आईसीएमआर व केजीएमयू मिलकर टेस्टिंग की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए टेक्नीशियन्स की ट्रेनिंग तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होने आईसीएमआर द्वारा एमएलएन मेडिकल काॅलेज, प्रयागराज में अत्याधुनिक कोबास मशीन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड केयर फण्ड की स्थापना की गयी थी। इसके माध्यम से राज्य के प्रत्येक मेडिकल काॅलेज तथा मण्डलीय मुख्यालय में आरटीपीसीआर लैब स्थापित की जा रही है।
श्री योगी ने कहा कि कोविड केयर फण्ड के माध्यम से केजीएमयू लखनऊ, एसजीपीजीआई लखनऊ तथा बीआरडी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर के लिए तीन अन्य कोबास मशीन का क्रय किया जा रहा है। इससे टेस्टिंग क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।