नयी दिल्ली, संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन के माध्यम से जोड़े गए शब्दों ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ को हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी।
वकील बलराम सिंह और करुणेश कुमार शुक्ला ने वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से यह याचिका दायर की है, जिसमें धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द हटाने की मांग की गयी है।
याचिकाकर्ताओं ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए(5) में भी ये दोनों शब्द जोड़े जाने को चुनौती दी है।
याचिका में कहा गया है कि इस बदलाव के जरिये नागरिकों पर राजनीतिक विचारधारा थोपी जा रही है, क्योंकि दरअसल धर्मनिरपेक्षता-समाजवाद राजनीतिक विचार है।