बेंगलूरू, लाजिस्टिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और मीडिया कर्मी अपने कार्यस्थलों पर जाकर काम करने को लेकर ज्यादा सहज नजर नहीं आते हैं। लिंक्डइन द्वारा किये गये एक आनलाइन सर्वेक्षण में यह स्थिति सामने आई है।
सर्वेक्षण से पता चलता है कि यात्रा और मनोरंजन क्षेत्र से 46 प्रतिशत और उपभोक्ता सामान उद्योग से जुड़े 39 प्रतिशत पेशेवर उन्हें काम पर बुलाये जाने पर तुरंत पहुंचने को तैयार हैं। वहीं साफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों में प्रत्येक दो मे से एक का कहना है कि वह फिलहाल घर से ही काम करना पसंद करेंगे। इसके पीछे अन्य कारणों के अलावा एक वजह यह भी हो सकती है कि वह अब दफ्तर से दूर रहकर भी आसानी से अपना काम कर पा रहे हैं। लिंक्डइन द्वारा जारी वक्तव्य में यह कहा गया है।
सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि परिवहन एवं लाजिस्टिक्स और मीडिया तथा दूरसंचार क्षेत्र के पेशेवर अपने कार्यस्थल पर लौटने को लेकर ज्यादा सहज नहीं दिखते हैं। वह अधिक सावधानी की बात करते हैं।
लिंक्डइन ने मंगलवार को ‘लिंक्डइन वर्कफोर्स कन्फीडेंस इंडेक्स’ के आठवें संस्करण के निष्कर्षो की घोषणा की। हर पखवाड़े जारी किये जाने वाले इस सूचकांक में भारतीय कार्यबल के विश्वास की नब्ज को टटोला जाता है।
सर्वेक्षण के तहत देश के 5,553 विभिन्न कार्यक्षेत्रों के पेशेवरों से उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई है। यह सर्वेक्षण एक जून से 26 जुलाई के बीच किया गया। इसमें देखा गया कि विभिन्न उद्योगों से जुड़े पेशेवरों ने किस प्रकार वास्तविक कार्यस्थल पर लौटने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
साफ्टवेयर और आईटी उद्योग के 65 प्रतिशत कर्मचारियों ने यानी तीन में से दो कर्मचारियों ने काम के लिये अपने कार्यस्थल पर लौटने को लेकर चिंता जताई है। इसी प्रकार मीडिया और संचार में 61 प्रतिशत तथा परिवहन एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने वाले कर्मचारियों में से भी 61 प्रतिशत ने कार्यस्थलों पर कोविड- 19 को लेकर सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं करने वालों के संपर्क में आने को लेकर अपनी आशंका जताई है।
इसमें भी एक मुद्दा यह है कि लाजिस्टिक्स क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों में प्रत्येक तीन में से एक ने और साफ्टवेयर और आईटी क्षेत्र के प्रत्येक चार में से एक कर्मचारी ने कार्यस्थलों पर साफ सफाई का मुद्दा भी उठाया है। उनका कहना है कि सफाई और स्वच्छता की कमी उन्हें कार्यस्थलों पर लौटने से रोकती है।
सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि लोग अब अपनी व्यक्तिगत बचत पर ही भरोसा कर रहे हैं। प्रत्येक तीन में से एक पेशेवर अपने व्यक्तिगत जमा बढ़ने की उम्मीद करता है जबकि पांच में से दो लोग अपनी व्यक्तिगत खर्च को अगले छह माह तक मौजूदा स्तर पर ही बनाये रखना चाहते हैं।
सर्वेक्षण के मुताबिक लॉकडाउन धीरे धीरे हटने के बाद छोटे व्यवसायियों का वित्त के मामले में व्यक्तिगत विश्वास स्तर बढ़ा है। हालांकि, जब रोजगार सुरक्षा की बात आती है तो यह उम्मीद कुछ धूमिल पड़ जाती है। सर्वेक्षण के मुताबिक एक से 200 कर्मचारियों को रखने वाले व्यवसायों के कर्मचारियों का विश्वास बड़े दस हजार और इससे अधिक कर्मचारियों वाले व्यवसायों के मुकाबले कम है।