नयी दिल्ली , दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने गैर-घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं की समस्याओं और उद्योग संघों की मांग को देखते हुए अप्रैल और मई में पूर्ण लॉकडाउन अवधि के दौरान तक बिजली के फिक्स्ड चार्ज को 50 प्रतिशत तक घटा दिए हैं।
इस अवधि के दौरान इन उपभोक्ताओं को 250 रुपये प्रति केवीए प्रतिमाह की जगह 125 रुपये प्रति केवीए प्रति माह बिल देना होगा। इस अवधि के दौरान कुल अप्रयुक्त क्षमता 80 प्रतिशत थी जिसमें से 84 प्रतिशत गैर घरेलू उपभोक्ताओं से संबंधित है और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 75 प्रतिशत है।
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा,’यह गैर-घरेलू और वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत होगी। यह छूट देने पर सरकार पर करीब 160 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। इससे लगभग 44,000 औद्योगिक उपभोक्ताओं और लगभग 10 लाख गैर घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा।’
डीईआरसी की ओर से जारी आदेश को ट्वीट करते हुए, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा,’दिल्ली सरकार संकट की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों के साथ खड़ी है। फिक्स्ड चार्ज में राहत देने से कोरोना के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे लाखों लोगों को मदद मिलेगी।’
डीईआरसी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, कोविड-19 के प्रकोप के कारण प्रचलित गंभीर स्थिति पर विचार कर रहे आयोग ने डीईआरसी टैरिफ विनियम 2017 के विनियम 168 और 172 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया था और डीईआरसी (आपूर्ति संहिता और प्रदर्शन मानक) विनियम 2017 के विनियम 84 और 85 दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं सहित हितधारकों को पेश आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया था। तदनुसार, आयोग ने अपने कोविड-19 आदेश दिनांक 07 अप्रैल 2020 के तहत घरेलू उपभोक्ताओं, औद्योगिक उपभोक्ताओं, गैर-घरेलू (वाणिज्यिक, आदि) उपभोक्ताओं, सार्वजनिक उपयोगिताओं, वितरण लाइसेंस धारियों आदि सहित विभिन्न हितधारकों को राहत की अनुमति दी। इसके अलावा, आयोग को वर्तमान कोविड-19 स्थिति के दौरान फिक्स्ड चार्ज में आंशिक छूट देने के लिए औद्योगिक संघों, गैर-घरेलू (वाणिज्यिक, आदि) उपभोक्ताओं सहित विभिन्न हितधारकों की तरफ से अनुरोध किया जा रहा है।
आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान 30 मई तक अधिकांश गैर-घरेलू (वाणिज्यिक आदि) और औद्योगिक उपभोक्ताओं ने अनुबंधित क्षमता के तहत अपने सिस्टम का उपयोग नहीं किया, हालांकि, डीईआरसी (आपूर्ति संहिता और प्रदर्शन मानक विनियमन) 2017 के अनुसार बिलिंग मांग के आधार पर लागू दर पर निर्धारित शुल्क उन्हें बिल किया गया है।
आदेश में आगे कहा गया है कि आयोग ने यह फैसला किया है कि अप्रैल और मई से संबंधित बिजली के बिल के लिए, पात्र औद्योगिक और गैर-घरेलू (वाणिज्यिक, आदि) उपभोक्ता जिनकी मासिक अधिकतम मांग अनुबंध की मांग व स्वीकृति भार से कम है, ऐसे उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित शुल्क की गणना के लिए बिलिंग मांग को दो भागों में विभाजित किया जाएगा।
पहला, अधिकतम मांग तक बिलिंग की मांग के लिए निर्धारित शुल्क मौजूदा दर 250 रुपये प्रति केवीए प्रति माह के अनुसार बिल किया जाएगा और दूसरा, शेष बिलिंग डिमांड के लिए निश्चित प्रभार यानी, (कॉन्ट्रैक्ट डिमांड व स्वीकृत लोड माइनस मैक्सिमम डिमांड) मौजूदा दर के 50 प्रतिशतयानी, 125 रुपये केवीए प्रति महीने में बिल किया जाएगा।
केंद्र के अनलॉक दिशा-निर्देशों के बाद, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में कई आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी है। कई चरणों में, श्री केजरीवाल ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों की घोषणा की। हाल ही में, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लगातार छवें साल बिजली दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की थी।