नयी दिल्ली, भारत और अमेरिका रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) प्रोजेक्ट के तहत रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढाने के लिए बातचीत की प्रक्रिया में तेजी लायेंगे।
दोनों पक्षों के बीच मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से हुई दसवीं रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) समूह की बैठक में इस बारे में सहमति बनी।
बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन सचिव राजकुमार और अमेरिका की ओर से अवर सचिव रक्षा सुश्री एलेन एम लॉर्ड ने की। डीटीटीआई समूह की बैठकें आमतौर पर साल में दो बार दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित की जाती हैं। इस बार कोविड महामारी के कारण इस बैठक का आयोजन वर्चुअल माध्यम से हुआ।
डीटीटीआई समूह का उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा व्यापार संबंधों पर लगातार नेतृत्व का ध्यान केन्द्रित करना और रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन तथा सह-विकास के लिए अवसर पैदा करना है। चार संयुक्त कार्य समूह थल, जल, वायु और विमान वाहक पोत प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। इन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से सहमत परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए डीटीटीआई के तहत स्थापित किया गया है। इन समूहों ने प्राथमिकता के आधार पर पूरा किए जाने के लिए लक्षित अनेक परियोजनाओं सहित मौजूदा गतिविधियों और संभावनाओं के बारे में सह-अध्यक्षों को रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
सह अध्यक्षों ने डीटीटीआई को सफल बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए एक इच्छा पत्र पर भी हस्ताक्षर किये। सह-अध्यक्षों ने इस बात पर भी प्रसन्नता जाहिर की कि अक्टूबर 2019 में जब से समूह की पिछली बैठक हुई है, तब से डीटीटीआई के तहत सहयोगी परियोजनाओं की पहचान और विकास करने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया पूरी हो गयी है। यह एसओपी डीटीटीआई के लिए एक रूपरेखा के तौर पर रहेगी जो दोनों पक्षों को सफलता को परिभाषित करने और उसे हासिल करने के लिए आपसी समझ तक पहुंचने और उसे उल्लेखित करने की अनुमति देगी। एसओपी के सार्वजनिक रूप से जारी प्रमुख तत्वों का सारांश जुलाई में उद्योग के लिए डीटीटीआई के प्रारंभिक मार्गदर्शन के रूप में प्रकाशित किया गया था। इसे भारतीय और अमेरिकी उद्योग संघों के माध्यम से वितरित किया गया था।
इसके अलावा, डीटीटीआई समूह के तहत सामूहिक रूप से अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों का विकास करने के लिए अमेरिकी और भारतीय उद्योग को प्रोत्साहित करने के प्रयासों पर गत 10 सितम्बर को वर्चुअल रूप से आयोजित पहले डीटीटीआई उद्योग सहयोग मंच (डीआईसीएफ) की बैठक में चर्चा हुई थी । यह मंच भारतीय और अमेरिकी उद्योग को सीधे ही डीटीटीआई में शामिल होने के अवसर के साथ-साथ औद्योगिक सहयोग पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों के बारे में सरकार और उद्योग के बीच बातचीत की सुविधा भी प्रदान करता है। विचार-विमर्श के परिणामों की जानकारी डीटीटीआई समूह के सह-अध्यक्षों को दी गई।