नयी दिल्ली, भारत और चीन की सेनाओं के कोर कमांडरों के बीच बहुप्रतिक्षीत वार्ता सोमवार को चीन सीमा में चुशूल मोल्डो क्षेत्र में होगी।
सूत्रों के अनुसार सुबह चुशूल में होने वाली बैठक में सेना की 14 वीं कोर के कमांडर ले जनरल हरिंदर सिंह के साथ विदेश मंत्रालय के एक प्रतिनिधि के भी शामिल रहने की संभावना है। यह पहला मौका होगा जब सैन्य कमांडरों के साथ विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी भी बैठक में हिस्सा लेगा।
करीब डेढ महीने के अंतराल पर हो रही इस बैठक को पूर्वी लद्दाख में पिछले चार महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध के कारण उत्पन्न तनाव को कम करने और सीमा पर शांति बनाये रखने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और बाद में विदेश मंत्रियों की मास्को में हुई मुलाकात के बाद हो रही इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति को जमीन पर उतारने के बारे में महत्वपूर्ण बातचीत होगी।
भारत ने चीन से स्पष्ट रूप से कहा है कि उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने की कोई भी कोशिश बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। उसका कहना है कि वह शांति का पक्षधर है लेकिन जहां तक देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता का सवाल है इससे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जायेगा। भारत ने चीन से जोर देकर कहा है कि उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गत अप्रैल की यथास्थिति कायम करने की दिशा में कदम उठाने होंगे।
दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच पांचवें दौर की वार्ता भी चीन के सीमा क्षेत्र चुशूल मोल्डो में ही दो अगस्त को हुई थी। इससे पहले भी दोनों पक्षों के बीच 6 , 22 और 30 जून तथा 14 जुलाई को हो चुकी है। इन बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व 14 कोर के कमांडर ले जनरल हरिंदर सिंह ने किया था।