लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरूवार को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त 31661 पर भर्ती का शासनादेश जारी कर दिया है।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने शासनादेश जारी किया जिसके अनुसार परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 69,000 रिक्त पदों के सापेक्ष शिक्षामित्रों के लिए 37,339 पदों को छोड़ते हुए बचे हुए 31,661 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूर्व घोषित परिणाम के आधार पर कुछ शर्तों के अधीन पूरा करने का निर्णय लिया गया है।
शासनादेश में कहा गया है कि पूर्व में आवंटित जिलों और आरक्षण को यथावत रखते हुए 31,661 पदों में से जिलों को समानुपातिक रूप से पद आवंटित करते हुए मेरिट के ऊपर से उतने ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। यह सभी नियुक्तियां उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन अनुज्ञा याचिका संख्या-11198/2020 रामशरण मौर्या व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य तथा 6687/2020 सूबेदार सिंह व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन होंगी।
अभ्यर्थियों को आवंटित जिले भी इन याचिकाओं में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन होंगे। इन शर्तों का उल्लेख हर अभ्यर्थी के नियुक्ति पत्र में स्पष्ट रूप से अंकित किया जाएगा। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में 24 जुलाई को बहस पूरी गई थी और निर्णय सुरक्षित कर लिया गया था, जो अभी तक जारी नहीं हुआ है। शिक्षकों की अत्यधिक कमी तथा निकट भविष्य में स्कूलों को खोले जाने के मद्देनजर इन याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के दोनों आदेशों के अनुपालन में शिक्षामित्रों के 37,339 पदों को छोड़कर शेष पदों को भरने के लिए कार्यवाही को अपरिहार्य बताया गया है।
गौरतलब है कि 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था कि जिन पदों को शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के रूप में धारण कर रहे हैं, उनसे छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। वहीं सूबेदार सिंह व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य मामले में शीर्ष अदालत ने नौ जून को आदेश दिया था कि 37,339 शिक्षामित्र सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए हैं। लिहाजा 37,339 पदों को छोड़कर सरकार बाकी पदों पर भर्ती कर सकती है।
69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पिछले साल छह जनवरी को लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ था।