लखनऊ, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासन में लोकतंत्र और संविधान दोनों का तिरस्कार हो रहा है।
अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार संविधान में विपक्ष को दी गयी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल रही है। उन्होंने कहा कि जनता भाजपा के जिन लोकलुभावन वादों से भ्रमित हुई थी अब उनकी सच्चाई जानने लगी है। भाजपा के कुशासन का असली रंग लोग देख रहे है। छल प्रपंच के माहिर भाजपाईयों के झूठ का लबादा उतरने में अब देर नहीं लगेगी। प्रदेश में अपराधों की असाधारण वृद्धि से यह प्रदेश हत्या प्रदेश के रूप में बदनाम हो गया है। प्रदेश के गौरव से इस खिलवाड़ को लोग भूलेंगे नहीं।
उन्होंने कहा कि हाथरस में पीड़िता के गांव जाने पर प्रशासन द्वारा एक तरफा पाबंदी लग गई है। सपा का एक प्रतिनिधिमण्डल पीड़िता के परिवारीजनों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने उसके गांव बूलगढ़ी थाना चंदपा जा रहा था, उसको पुलिस ने बल पूर्वक रोक दिया। सपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। नेताओं को चंदपा थाने में गिरफ्तार कर ले जाया गया। बस से जब उन्हें थाने ले जाया जा रहा था तब बस पर पत्थरबाजी करायी गयी। प्रशासन निम्नस्तर पर उतर आया है।
श्री यादव ने कहा कि पीड़िता के पक्ष में कैण्डिल मार्च निकाल रही महिलाओं के साथ भी पुलिस का रवैया उत्पीड़नकारी रहा। नौजवानों के विरोध प्रदर्शन पर तो बर्बरता से लाठीचार्ज हुआ और कई छात्र-युवा नेता घायल हुए जो अपना इलाज करा रहे हैं। कईयों को जेल भी भेजा गया है। संविधान में विपक्ष के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी है, उसे भाजपा सरकार ने मजाक बना दिया है।
उन्हाेंने कहा कि हाथरस में भाजपा सरकार ने सत्तापक्ष के नेताओं के लिए कोई पाबंदी नहीं लगाई है जबकि जनता और विपक्ष को धारा 144 के नाम पर रोका जा रहा है। मृतका के गांव और क्षेत्र में सपा के नेता एवं कार्यकर्ता कई दिनों से अघोषित बंदी बना के रखे गए हैं। भाजपा सरकार विपक्ष को कुचलने के घातक मन्सूबे से पेश आ रही है।
श्री यादव ने कहा कि हाथरस में मृतका के परिजनों को शासन के आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा दौड़ाकर मारा है। मुख्यमंत्री एक बेटी को गरिमापूर्ण जीवन तो दे नहीं सके उन्होंने उसकी सम्मानजनक अंतिम बिदाई भी छीन ली। रात में रीति रिवाज के विपरीत दाह संस्कार और जलाने की जो प्रक्रिया अपनाई गई उससे अधिक शर्मनाक कोई बात नहीं हो सकती है। अब जनता भी ऐसे सत्ताधारियों को दौड़ा दौड़ाकर इंसाफ की चौखट तक खींच करके ले जाएगी।
उन्होंने कहा कि हाथरस के बाद बलरामपुर में भी एक बेटी के साथ बलात्कार और उत्पीड़न का घृणित अपराध हुआ है। घायलावस्था में उसकी भी मृत्यु हो गई है। सपा प्रतिनिधिमण्डल ने जाकर पीड़िता के परिवारीजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी संघर्ष करेगी। सपा ने राज्य सरकार से पीड़िता के परिवार को 50 लाख रूपये की मदद, एक सदस्य को नौकरी तथा आवास दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं जताती है कि मुख्यमंत्री का प्रशासन पर तनिक भी नियंत्रण नहीं रह गया है। वे दिखावे भर के मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
श्री यादव ने कहा कि राजधानी लखनऊ में आज 1090 वूमेन पावर लाइन चौराहा और विधान भवन के सामने हाथरस की घटना और प्रदेश में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने के विरोध में समाजवादी नौजवानों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठी भांजी और गिरफ्तारी की।
उन्हाेंने कहा कि भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि जनता की आवाज को कुचलने का अहंकार जिसने पाला, उसे जनाक्रोश का सामना करना पड़ा है। युवा शक्ति ही परिवर्तन लाती है। उसको कुचलने का दुष्परिणाम सामने आता है। डाॅ0 लोहिया ने चेताया था कि जिन्दा कौमे पांच साल इंतजार नहीं करती है। जनता के सब्र का बांध टूटता है तो कुछ भी नहीं बचता है।