कोटा, राजस्थान में कोटा में वैश्विक महामारी कोविड-19 के मृतकों की संख्या छुपाने का सिलसिला जारी है।
इस मामले में राज्य स्तर पर जयपुर से जारी होने वाली रिपोर्ट के आंकड़े और जमीनी तौर पर कोविड-19 के मृतकों की संख्या में रात- दिन का अंतर देखने को मिल रहा है। मुख्यालय और कोटा के अस्पताल में प्रतिदिन भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या तो कमोबेश बराबर होती है, लेकिन मृतकों की संख्या में बड़ा अंतर होता है और यह अंतर जयपुर में मुख्यालय से जारी होने वाली रिपोर्ट में ही देखने को मिलता है। इस पर पहले भी शक की सुई उठती रही है और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पर मृतकों का आंकड़ा छुपाने का कई बार आरोप भी लग चुका है।
इस मामले में सबसे ताजा और बड़ा अंतर पिछले रविवार को चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की ओर से जयपुर में जारी की गई कोरोना वायरस संबंधित रिपोर्ट में देखने को मिला। उस दिन मुख्यालय की रिपोर्ट में दर्शाया गया था कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किसी भी रोगी की कोटा में मृत्यु नहीं हुई है जबकि जमीनी हकीकत यह है कि उस दिन एक साथ पांच कोरोना संक्रमितों ने अस्पताल में दम तोड़ा था, जिनमें कोटा जिले के सिमलिया निवासी एक 70 वर्षीय बुजुर्ग के अलावा कोटा की टीचर्स कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय, छावनी निवासी 70 वर्षीय और भीमगंजमंडी क्षेत्र की पूनम कॉलोनी निवासी 67 वर्षीय बुजुर्ग के अलावा बूंदी निवासी एक 35 वर्षीय व्यक्ति भी शामिल था।
हालांकि उस दिन स्थानीय जानकारी और जयपुर से जारी रिपोर्ट में कुल 100 कोरोना वायरस पॉजिटिव रोगी मिलने की रिपोर्ट में समानता थी। यही हाल सोमवार को जारी रिपोर्ट का भी रहा। राज्य स्तर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कोरोन वायरस से संक्रमण के बाद मृतकों की संख्या एक जबकि नए संक्रमित रोगियों की संख्या 56 बताई गई है जबकि सच्चाई यह है कि इस दिन कोटा के कोविड हॉस्पिटल में कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद दो रोगियों ने दम तोड़ा जिसमें से एक कोटा की छावनी इलाके का रहने वाला 28 वर्षीय नौजवान शामिल है जबकि दूसरा कोटा जिले के रामगंजमंडी क्षेत्र खैराबाद निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग हैं।
हालांकि वैश्विक महामारी कोविड़-19 के संदर्भ में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एक अच्छी पहल यह है कि कोटा संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल में एक पोस्ट कोविड रिहैबिलिटेशन सेंटर खोलने का निर्णय किया है क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद यह बात लगातार सामने आ रही थी कि इस रोग से ग्रसित होने के बाद कोटा मेडिकल कॉलेज के संलग्न नए अस्पताल में इलाज करवा कर स्वस्थ होकर अपने घरों को लौटे कई रोगियों ने बाद मै उनके शरीर में अलग-अलग तरह की शारीरिक एवं मानसिक व्याधियों के संकेत देखे और इनमें से कई रोगी इलाज- परामर्श के लिए नजदीकी सरकारी – गैर सरकारी चिकित्सालय भी पहुंचे। ऐसे लोगों को उचित चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कोटा के एमबीएस हॉस्पिटल में पोस्ट कोविड-19 हैबिलिटेशन सेंटर खोलने की मंशा बनाई है।