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यूपी में भाजपा नेता के पिता से घूस लेने को वीडियो वायरल होने से हडंकप

इटावा, उत्तर प्रदेश के इटावा की ताखा तहसील मे भूमि से जुडे मामले में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सेक्टर प्रभारी के पिता से रजिस्ट्रार कानूनगो के घूस लेने का वीडियो वायरल होने से प्रशासनिक अमले में हडकंप मच गया है ।

उपजिलाधिकारी सत्यप्रकाश ने शुक्रवार को यहां बताया कि जिस्ट्रार कानूनगो का घूस लेने का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस मामले की जांच करायी जायेगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। वीडियो से संबधित सभी पक्षों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। जल्द की जांच रिर्पोट मिलने के बाद गुणदोष के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चत की जायेगी ।

वायरल वीडियो स्वयं भाजपा के सेक्टर प्रभारी प्रबल प्रताप सिंह ने बनाया है। उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदार संदीप सिंह, की भूमि समथर में है। उसी जमीन को लेकर तत्कालीन तहसीलदार श्रीराम यादव ने आदेश कर दिया था। रजिस्टार कानूनगो सुखवीर चौधरी ने रिश्वत के रूप में एक प्रतिशत कमीशन बीस हजार रुपये की मांग की। जब वह तैयार नहीं हुए तो वह काम को लेकर बहानेबाजी बताने लगे। उन्होंने बताया कि उनके पिता कलक्टर सिंह ने 16 हजार रुपये दे दिए। वह बाकी के चार हजार रुपये भी मांग रहे थे जिसका वीडियो बना लिया गया था। पीड़ित भाजपा सेक्टर प्रभारी का कहना है कि सरेआम कार्यालय में बैठकर रिश्वत ली गई लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है वह इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे और भ्रष्टाचार करने और कराने में साथ देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे ।

रिश्वत लेने के आरोपो मे धिरे रजिस्टार कानूनगो सुखवीर चौधरी का कहना है कि उनके विरुद्ध साजिश की गयी है ।

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव इस पूरे प्रकरण को लेकर कहते है कि यह कितनी बडी विडंबिना है कि भ्रष्टाचार मुक्त सरकार होने का दावा करने वाली योगी सरकार मे भारतीय जनता पार्टी के नेताओ और उनके परिजनो को अपने काम कराने के लिए खुद ही अधिकारियो को रिश्वत देनी पड रही है। इससे यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है अन्य पीडितो या फिर परेशान हाॅल लोगो को क्या होता है। जब सत्तासीन पार्टी का एक पदाधिकारी खुद ही अधिकारियो को रिश्वत दे रहा हो तो दूसरे अधिकारियो की मनमानी से कितने मुश्किल मे होगे । जिला प्रशासन को चाहिए कि त्वरित ढंग से रिश्वतखोर अफसरो के लिए ना केवल निलंबित बल्कि ऐसे अधिकारियो को गिरफतार करके जेल भी भेजा जाये ताकि दूसरे अधिकारियो को सीख मिल सके।