नयी दिल्ली , उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पर्यावरण एवं विकास में संतुलन बनाने पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार, वित्त आयोग और स्थानीय निकायों को कर छूट और उपायों से भवनों के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए।
श्री नायडू ने यहां एक उद्योगपतियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सबसे सही समय है जब पर्यावरण के अनुकूल भवन बनाने पर बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि न केवल नए भवनों को पर्यावरण के अनुकूल बनाना चाहिए बल्कि पुराने भवनों को प्रकृति के अनुसार विकसित किया जाना चाहिए। इनमें ऊर्जा और जल सरंक्षण को प्रोत्साहन देना चाहिए।
उप राष्ट्रपति ने भवनों की अनुकूलता समुदायों के लिए आवश्यक तत्व करार देते हुए कहा कि कार्बन उत्सर्जन को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इससे न केवल भारत मजबूत बनेगा बल्कि देश में हरियाली भी बढ़ेगी। सूखा, बाढ़ और दावानल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन शाश्वत सत्य है और दुनिया भर के देशों को बढ़ते तापमान की चुनौती से निपटने के लिए क्रांतिकारी बदलाव की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि सतत् विकास के लिए प्रौद्योगिकी की जरुरत बल दिया और कहा कि प्रमुख चुनौती यह है कि विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाया जाए और दोनों को साथ साथ रखा जाए।