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नई बिहार सरकार में संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा शुरू, ये बन सकतें हैं ?

लखनऊ,  बिहार में नई सरकार में संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा शुरू हो गई है।सरकार में शामिल होने के लिए एनडीए में फिलहाल कोई फार्मूला तय नहीं हुआ है। देखना होगा कि जदयू और भाजपा कोटे से कितने मंत्री बनते हैं।

पिछली बार की तुलना में इस बार भाजपा के 21 अधिक विधायक जीतकर आए हैं। जबकि जदयू के विधायको की संख्या 28 घट गई है। वीआईपी और हम के चार -चार विधायक जीतकर आए हैं। जदयू कोटे के आठ मंत्री चुनाव हार गए हैं। इनमें कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, जयकुमार सिंह, शैलेश कुमार, खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, संतोष निराला, लक्ष्मेश्वर राय, रामसेवक सिंह, रमेश ऋषिदेव शामिल हैं।

बिहार में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं और इस बार एनडीए के 125 विधायक जीत कर आए हैं, जिनमें जदयू के 43 और भाजपा के 74 विधायक हैं। जबकि हम और वीआईपी के भी चार-चार विधायक हैं। भाजपा के सबसे ज्यादा विधायक चुनकर आए हैं और मौजूदा फॉर्मूला के हिसाब से अगर हम और वीआईपी मंत्रिमंडल में शामिल हुए तो दोनों दलों से एक-एक मंत्री हो सकते हैं, जबकि जदयू से 13 तो भाजपा से 21 मंत्री बन सकते हैं

वीआईपी  पार्टी अध्यक्ष मुकेश सहनी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि मंत्री बनने के बाद उन्हें छह माह के भीतर किसी सदन का सदस्य बनना होगा, क्योंकि वह चुनाव हार गए हैं।उन्हें सीट बंटवारे के वक्त भाजपा ने 11 विधानसभा सीटों के साथ एक विधान परिषद सीट भी देने का वादा किया था। नई सरकार के गठन के बाद विधान परिषद की दर्जनभर सीटों पर मनोनयन होना है। ऐसे में सहनी विधान परिषद की सदस्यता लेंगे।

विधानसभा चुनाव में हम के चार उम्मीदवार जीते हैं। एनडीए की अगली सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पहले ही कह चुके हैं कि वह मंत्री नहीं बनेंगे। ऐसे मे मांझी के पुत्र डॉ. संतोष सुमन शामिल हो सकते हैं। हम पार्टी की ओर से मंत्री बनने के वे पहले दावेदार माने जा रहे हैं।डॉ. सुमन विधान परिषद के सदस्य हैं।

जदयू से मुख्यमंत्री के अलावा 12 मंत्री बनने की उम्मीद है।विधान सभा स्पीकर भी जदयू का ही रहेगा। मंत्री परिषद में जीतकर आए मौजूदा मंत्रियों के बरकरार रहने की अधिक संभावना है। जदयू कोटे से जो मंत्री जीतकर आए हैं उनमें बिजेन्द्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, महेश्वर हजारी, बीमा भारती, नरेन्द्र नारायण यादव, मदन सहनी शामिल हैं।

जदयू से छह महिलायें जीतकर आई हैं। अपने कोटे के 12 मंत्रियों में यह दल दो महिलाओं को रख सकता है। इनमें बीमा भारती के आलावा धमदाहा से जीतकर आईं लेसी सिंह हो सकती हैं। शेष पांच मंत्रियों को लेकर दल में कई दावेदार दिख रहे हैं। पूर्व मंत्री दामोदर रावत, हरिनारायण सिंह को भी मंत्री बनाए जाने के आसार हैं। दल के टिकट पर पहली बार 13 विधायक चुनकर आए हैं। साथ ही चकाई के निर्दलीय विधायक सुमित सिंह (दूसरी बार जीते) ने भी जदयू को अपना समर्थन दिया है। इनमें से भी किसी एक को प्रमोट किया जा सकता है। नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी और नीरज कुमार को भी मंत्रिपरिषद में रहने की चर्चा है। इसके अलावा सामाजिक समीकरण के लिहाज से भी एक-दो नाम घट-बढ़ सकते हैं, इनमें निरंजन कुमार मेहता, डॉ. ललित नारायण मंडल, रत्नेश सदा के नाम महत्वपूर्ण हैं।

भाजपा कोटे से बनने वाले मंत्रियों में सवर्ण समुदाय का दबदबा रहेगा।  भाजपा में मौजूदा निवर्तमान मंत्रियों में बृज किशोर बिंद और सुरेश शर्मा चुनाव हार चुके हैं। बाकी जो चुनाव जीतकर आए हैं, उनका दुबारा मंत्रिपरिषद में शामिल होना तय माना जा रहा है। सामाजिक समीकरण को देखें तो इस बार के चुनाव में सात यादव, आठ भूमिहार, 17 राजपूत, पांच ब्राह्मण, तीन कायस्थ, चार ईबीसी, 14 वैश्य, छह कुर्मी-कुशवाहा और 10 एससी-एसटी समुदाय से विधायक चुनकर आए हैं।

ब्राह्मण समुदाय से विनोद नारायण झा व मंगल पांडेय का फिर से मंत्रिपरिषद में शामिल होना तय माना जा रहा है। इस समुदाय से नीतीश मिश्रा भी मंत्रीपद के दावेदारों में हैं। यादव समाज से नंद किशोर यादव का मंत्री बनना तय है। पांचवीं बार विधान पार्षद बने प्रो. नवल किशोर यादव भी मंत्री के प्रबल दावेदारों में हैं। वहीं, भूमिहार कोटे से विजय कुमार सिन्हा और राजपूत कोटे से राणा रणधीर का फिर से मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अन्य दावेदारों में अमरेन्द्र प्रताप सिंह के अलावा अरुण कुमार सिंह, विनय बिहारी और अंतरराष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह को भी मंत्री बनाने की चर्चा है। कायस्थ वर्ग से विधान पार्षद संजय मयूख और बांकीपुर विधायक नितिन नवीन के नाम की चर्चा तेज है।

अतिपिछड़ा कोटे में प्रेम कुमार का मंत्री बनना तय है। बेतिया से जीती रेणु देवी को मंत्री बनाकर अतिपिछड़ा की भागीदारी बढ़ाने और महिला कोटे की भरपाई की जा सकती है। वैश्य समुदाय से राम नारायण मंडल और प्रमोद कुमार का मंत्री बनना तय है। कुर्मी-कुशवाहा समुदाय से हाजीपुर से जीते अवधेश सिंह और सुनील कुमार तो एससी-एसटी कोटे से कृष्ण कुमार ऋषि के अलावा एक-दो नाम और चर्चा में है।