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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने, इस अभियान को नए सिरे से चलाने की घोषणा की

भोपाल,
मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की कल समीक्षा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में बेटी बचाओ अभियान को नए सिरे से चलाया जाएगा। इसमें बच्चियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तीकरण सहित हर पहलू पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की पोषण नीति का अंतिम रूप दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने गंभीर कुपोषित बच्चों का एकीकृत प्रबंधन कार्यक्रम राज्य में लागू किया है। हम कुपोषण को पूरी तरह समाप्त करेंगे। हमारा ध्येय है ‘पोषित परिवार-सुपोषित मध्यप्रदेश’।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए सघन प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत उनका नियमित रूप से वजन लिए जाना, पोषण आहार प्रदाय, सामान्य कुपोषित बच्चों का समुदाय स्तर पर उपचार एवं पोषण प्रबंधन, अतिरिक्त पोषण आहार प्रदाय, गंभीर कुपोषित बच्चों का पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर उपचार एवं देखभाल आदि कार्य किए जा रहे हैं। पोषण सेवाओं की मॉनीटरिंग के लिए ‘पोषण डैशबोर्ड’ तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि बताया कि ‘पोषित परिवार-सुपोषित मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम के तहत गंभीर कुपोषण वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार होने पर परिवार को प्रोत्साहन राशि दी जाती है तथा सम्मान किया जाता है। प्रदेश के 62 हजार 500 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका बनाई जा रही हैं। सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में ग्राम आरोग्य केन्द्र का विस्तार किया जा रहा है। अभी 51 हजार 500 केन्द्रों में ये स्थापित हैं। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। इस योजना में प्रदेश में 152 प्रतिशत उपलब्धि हुई है। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश के 7 शहरों में सेफ सिटी कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसका विस्तार आगामी एक वर्ष में पूरे राज्य में किया जाना है।