नई दिल्ली, कोविड 19 की रोकथाम के लिये वैक्सीन ट्रायल के दौरान भोपाल में एक वालंटियर की मौत पर कंपनी ने अपनी सफाई दी है. डोज दिए जाने के 9 दिन बाद वालंटियर की मौत हो गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
भारत बायोटेक कंपनी ने कहा कि वालंटियर को वैक्सीन ट्रायल की सभी नियम और शर्तों के बारे में सारी जानकारी दी गई थी. वैक्सीन देने के अगले 7 दिनों तक उसका हालचाल लिया गया और किसी भी प्रकार के प्रतिकूल लक्षण उसमें नहीं पाए गए. भारत बायोटेक ने कहा कि कंपनी यह नहीं बता सकती कि वालंटियर को वैक्सीन दी गई थी या प्लेसिबो. क्योंकि स्टडी का अभी खुलासा नहीं हुआ है.
शुक्रवार को मृतक के बेटे ने इसका खुलासा किया. इसके बाद ट्रायल करने वाले अस्पताल में हड़कंप मच गया. मृतक के पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में शव में जहर मिलने की पुष्टि की गई है. भारत बायोटेक के अनुसार, एनरोलमेंट के समय वालंटियर ने फेज 3 ट्रायल के सभी मानकों को पूरा किया था. डोज़ दिए जाने के 7 दिन बाद तक साइट पर ही देखरेख में वह पूरी तरह स्वस्थ पाया गया था. कोई प्रतिकूल घटना न देखी गई और न ही रिपोर्ट हुई. भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के द्वारा जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से भोपाल पुलिस के मुताबिक मौत का संभावित कारण कार्डियॉरेस्पिरेट्री फेलियर हो सकता है, जो कि हो सकता है ज़हर के चलते हुआ हो. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
कंपनी अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल कर रही है. भारत बायोटेक आईसीएमआर के सहयोग से स्वदेशी टीके कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल कर रही है. इस बीच सरकार ने बैकअप के तौर पर कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. भारत में 16 जनवरी से कोरोना के टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू होना है.