नयी दिल्ली , उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कॉरपोरेट संस्थानों को सुझाव दिया है कि वे सचेतक (व्हीसल ब्लोअर) व्यवस्था को प्रोत्साहित करें और सचेतकों को पर्याप्त संरक्षण प्रदान करें।
श्री नायडू ने भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के आभासी दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कॉरपोरेट शासन के सभी मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि सभी साझेदारों का विश्वास बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अनियमितता को कम करने के लिए व्यवस्था विश्वसनीय और आसान होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने युवा कंपनी सचिवों से आग्रह किया कि वे कॉरपोरेट शासन में नैतिकता और जवाबदेही के श्रेष्ठतम मानक सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में विकसित देशों की तुलना में बहुत अच्छा काम किया और अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए कदम उठाए।
उन्होंने अर्थव्यवस्था में एक बार फिर तेजी लाने के लिए सभी साझेदारों से सम्मिलित प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा कि आईसीएसआई जैसे संस्थान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।
श्री नायडू ने कहा,“ कंपनी सचिव कॉरपोरेट के जागृत रखवाले हैं और उनके लिए यह जरूरी है कि वे ईमानदार रहें और प्रबंधन के किसी दबाव में न आएं।आईसीएसआई जैसे व्यावसायिक संगठनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कॉरपोरेट संस्थान न केवल पेशेवर दृष्टि से प्रतिस्पर्धी हों बल्कि कानून का पालन करने वाले भी हों।”
आईसीएसआई के दीक्षांत समारोह में तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद, आईसीएसआई के अध्यक्ष आशीष गर्ग, आईसीएसआई सचिव आशीष मोहन, संयुक्त सचिव अंकुर यादव भी मौजूद थे।