नयी दिल्ली, कांग्रेस ने बालाकोट हवाई हमले की सूचना लीक होने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की साख पर लगे इस दाग को धोने के लिए सामने आना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी, गुलाम नबी आजाद, सुशील कुमार शिंदे, सलामान खुर्शीद तथा पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पत्रकार अर्णब गोस्वामी तथा निजी समाचार चैनलों की नियामक संस्था बार्क के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थो दासगुप्ता के बीच बालाकोट हवाई हमले को लेकर जो वाह्टस एप चैट सामने आए हैं वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और इस पूरे मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए।
पार्टी नेताओं ने कहा कि बालाकाेट हवाई हमले की जानकारी एक पत्रकार के पास पहुंचना असामान्य बात है। किसी भी सैन्य कार्रवाई की जानकारी अत्यंत गोपनीय होती है और इसकी जानकारी सिर्फ पांच लोगों प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, वायु सेना प्रमुख तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पास ही होती है। इन पांच लोगों के अलावा इस सूचना को लीक करना गंभीर अपराध होता है। बालाकाेट हवाई हमले की जानकारी पत्रकार अर्णब को कैसे मिली और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा यह मामला लीक कैसे हुआ इसकी जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण को पार्टी बजट सत्र के दौरान संसद में उठाएगी और सरकार से इस मुद्दे पर जवाब देने की मांग करेगी।
श्री एंटनी ने कहा कि अर्णब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ के बीच हुई बातचीत में जो तथ्य सामने आये हैं वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे की तरफ इशारा करते हैं। इन दोनों के बीच वाह्टस एप पर जो बातचीत हुई है वह बहुत दुखद और अत्यंत गंभीर है। यह बड़ा सवाल है कि एक पत्रकार को बालाकोट हवाई हमले की जानकारी पहले कैसे और किसके द्वारा दी गयी।
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। सेना के हमले की जानकारी सिर्फ पांच लोगों के पास ही होती है और यह हैरानी की बात है कि इस अत्यंत संवेदनशील मामले की जानकारी एक पत्रकार तक कैसे पहुंची। यह साफ है कि सैन्य कार्रवाई से जुड़ी यह अति गोपनीय तथा अति संवेदनशील सूचना किसी मंत्री या सेना के शीर्ष नेतृत्व ने दी है। यह राष्ट्र विरोधी गतिविधि है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मामले की व्यापक जांच कर राष्ट्र विरोधी गतिविधि से जुड़े लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
श्री शिंदे ने कहा कि सरकारी गोपनीय सूचना अधिनियम महत्वपूर्ण कानून है और इसका उल्लंघन होना बहुत बड़ा गुनाह माना जाता है। सरकार को इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए इस प्रकरण में कार्रवाई कर गुनाहगारों को सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले की गहन जांच आवश्यक है और इसमें जो भी दोषी हैं उनको दंडित किया जाना चाहिए।
श्री आजाद ने कहा कि यहां एक तरफ तो राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है जिससे किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि एक तो राष्ट्रीय सुरक्षा है और दूसरी तरफ टीआरपी बढ़ाने के लिए साजिश करने का मामला है जिसमें ज्यादा टीआरपी के माध्यम से दबदबा बढ़ाकर ज्यादा विज्ञापन हासिल करना है। यहां दोनों गंभीर अपराध हुए हैं। टीआरपी बढ़ाने की साजिश किए जाने का मतलब है कि आप अपनी योग्यता से नहीं बल्कि आपराधिक साजिश के माध्यम से टीआरपी में गड़बड़ी कर आगे बढ़े हैं। इसमें बड़ी बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में सरकार और एक व्यक्ति के बीच साजिश हुई है और सबसे ज्यादा चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि इन दोनों स्थितियों की गंभीरता को देखते हुए बार्क और टीआरपी प्रणाली को राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर जारी नहीं रखा जा सकता है। उनका कहना था कि दो निजी समाचार चैनलों को सरकार की सह है और यही वजह है कि उन्हें दूरदर्शन की फ्री डिश उपलब्ध करा कर देश के खजाने को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सवाल यह भी है कि सिर्फ दो चैनलों को डीडी की निशुल्क डिश क्यों उपलब्ध कराई जा रही है। इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही है इसलिए सरकार को इस मामले में जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए।
श्री खुर्शीद ने न्यायपालिका से जुड़े मुद्दे का उठाया और कहा कि देश की जनता देश की संसद तथा न्यायपालिका पर विश्वास करती है। न्यायपालिका से जुड़े कुछ संदिग्ध मामले इधर सामने आये हैं जिनसे साबित होता है कि न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया है और दबाव में निर्णय दिया गया है। यह असंवैधानिक है और क्योंकि लोग आस्था से न्याय के मंदिर में जाते हैं जहां सबको न्याय मिलना चाहिए और जिस आस्था के साथ लोग इस न्याय के मंदिर में जाते हैं उसे ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए लेकिन इधर एक ठेस पहुंचाने वाली घटना सामने आने की बात है। उनका कहना था कि अगर न्यायाधीश बिकता है तो देश में कुछ नहीं बचेगा और लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास खत्म हो जाएगा और इस विश्वास को तत्काल बहाल करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अर्णब और पार्थदास के बीच हुई बातचीत के जो अंश सामने आये हैं वे बहुत गंभीर हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में उठाएगी। उनका कहना था कि यह मामला संसद में तो उठेगा ही लेकिन देश की भी इस बारे में प्रतिक्रिया आनी चाहिए और पार्टी उसका भी इंतजार कर रही है।
श्री खेड़ा ने कहा कि देश के साथ जो खिलवाड़ श्री मोदी, अमित शाह एवं अर्नब गोस्वामी ने मिलकर किया है उससे पूरा देश स्तब्ध है। यह आश्चर्य की बात है कि बड़े-बड़े दिखने वाले लोग कितने बौने हो जाते हैं कि वे मिलकर अपना ईमान एक पत्रकार को बेच रहे हैं। न्यायपालिका पर और देश के संविधान की शपथ लेने वालों पर ऐसा प्रश्न चिह्न पहले कभी नहीं लगा। पहली बार 73 सालों में ऐसी गंदगी जहां संविधान, परंपरा, परिपाटी, नियम, कानून सब देश के सर्वोच्च नेतृत्व के हाथों छिन्न भिन्न हो रहे हैं
उन्होंने कहा “हम जानना चाहते हैं कि अर्नब को ये सूचनाएं कहां से मिली और किसने दी तथा अर्णब ने ये सूचनाएं कहां-कहां दी। क्योंकि अभी तो हमें सिर्फ पार्थो दासगुप्ता के बारे में पता है कि उनको दी गयी। कोई भी व्यक्ति देश, लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा नहीं होता है।”