लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास से वर्चुअल माध्यम से जनपद सिद्धार्थनगर में आयोजित ‘काला नमक चावल महोत्सव’ का शुभारम्भ किया।
महोत्सव को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के तहत वर्ष 2018 में काला नमक चावल को जनपद सिद्धार्थनगर के उत्पाद के रूप में शामिल किया गया। इस योजना के तहत इसकी मार्केटिंग और ब्राण्डिंग के लिए मंच उपलब्ध हो सका। आज यह चावल देश और दुनिया में विख्यात हुआ है।
उन्होंने कहा कि आजादी के पहले सिद्धार्थनगर और आस पास के क्षेत्रों में 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में काला नमक चावल की फसल होती थी। समय के साथ इसका उत्पादन काफी कम हो गया था। लेकिन एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत आने के बाद इसकी बुआई अब बढ़ गयी है। अब काला नमक चावल की खेती का क्षेत्रफल बढ़कर लगभग 05 हजार हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि इस उत्पाद की महक आज पूरे विश्व में फैल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘काला नमक चावल महोत्सव’ का आयोजन एक अभिनन्दनीय प्रयास है। प्राकृतिक सुगन्ध के साथ मुलायम, कुपोषण से लड़ने में सक्षम तथा कई बीमारियों से लड़ने वाला यह चावल जनपद सिद्धार्थनगर की विशेष पहचान है। इसमें शुगर की मात्रा नगण्य होती है, इसलिए यह मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यन्त लाभदायक है। इसका चयन कुपोषण से लड़ने के लिए भी किया जाता है। इसमें जिंक 21.5 प्रतिशत तथा आयरन 12 प्रतिशत होता है। इसके अलावा, इसमें ओमेगा 03 और 06 जैसी लाभदायक वसा भी मौजूद होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद सिद्धार्थनगर में काला नमक धान का उत्पादन प्राचीन काल से हो रहा है। इस क्षेत्र में इसकी खेती 600 ईसा पूर्व भगवान बुद्ध के काल में भी होती थी। राज्य सरकार द्वारा ओडीओपी योजना के तहत इसकी ब्राण्डिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था के कारण किसानों को अब इस चावल का बाजार मूल्य 100 से 110 रुपए प्रति किलो तक मिल रहा है।
दीर्घ अवधि और कम उत्पादकता होने के कारण पूर्व में इसकी बुआई में कमी आ गयी थी, परन्तु राज्य सरकार ने काला नमक चावल को बढ़ावा देने के लिए इसकी उन्नत प्रजातियां किसानों को उपलब्ध करायी हैं। जिससे अब किसान ज्यादा बड़े क्षेत्रफल में इस चावल को उगा रहे हैं। इसे एक गौ आधारित खेती के रूप में भी विकसित करने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए।