योगी की टीम जानती है कि 22 का रण जीतना है तो मतदाताओं से रिश्ता प्रगाढ़ करना होगा. लखनऊ खंड से एमएलसी अवनीश सिंह इसी कवायद में जी-जान से जुटे दिखते हैं. टिफिन मंत्र के सहारे लोगों से रोटी-बोली का संबन्ध तो बन ही रहा है, सरकार की उपलब्धियां भी लोगों तक पहुंचा दी जा रही हैं.
लखनऊ, 21वीं सदी में लोगों से रिश्ता गढ़ने का तरीका भी तब्दील हो गया दिखता है. मसलन, लखनऊ खंड से एमएलसी अवनीश कुमार सिंह ने ‘टिफिन’ के सहारे ही सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने का अभियान छेड़ दिया है. किसी सार्वजनिक पार्क में इळाके के लोगों को इकट्ठा कर खाने-बतियाने, गिले-शिकवे सुनने-सुनाने के इस अभियान में बातों-बातों में सरकार की उपलब्धियां भी लोगों तक पहुंचा दी जाती हैं. खास-बात यह कि इस दौरान टिफिन थामे लोगों का आना, साथ बैठकर सार्वजनिक लंच करना किसी स्कूल सरीखा एहसास करा देता है.
दरअसल, संघ की इस ‘सार्वजनिक भोजन रणनीति’ को भाजपा ‘टिफिन बैठक’ के रूप में गुजरात में बाकायदा आजमा चुकी है. पार्टी की जड़ें गहरी करने में इस अभियान का भी खासा योगदान रहा था. यही नहीं, लोकसभा चुनाव-2019 जीतने के लिए पार्टी ने इस संपर्क तरीके को भी आजमाया था. 2018 में ही संसदीय दल की एक बैठक में सभी सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में टिफिन बैठकें करने का टास्क दिया गया था. इस दौरान कार्यकर्ताओं और आम-लोगों के बीच रहकर सांसदों को लोगों की बातें सुननी थी, पार्टी का किया-धरा पहुंचाना था और लोगों की मुश्किलों का भी यथा संभव हल तलाशना था. रूबरू होने के इस अभियान का असर भी नजर आया, मोदी दिल्ली में 2014 से भी बेहतर स्थिति में पहुंच गये और सरकार बनाई.
लखनऊ खंड से एमएलसी अवनीश कुमार सिंह भी इसी अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं. लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर, प्रतापगढ़, लखीमपुर-खीरी और हरदोई तक पसरे अपने समर्थकों के साथ अवनीश इसी तरीके से रिश्ता मजबूत करने में जुटे हैं. गोण्डा जिले के प्रभारी के तौर पर भी अवनीश इसी टिफिन मंत्र का जाप करने की सोच रहे हैं.
एमएलसी इंजी अवनीश कुमार सिंह बताते हैं, “ चुनाव जीतने के बाद एक परिवर्तन आया. मिलने-मिलाने के आग्रह बढ़े, साथ-साथ लंच-डिनर के आमंत्रण भी इतने हो जाते कि चाहकर भी हर घर पहुंचना मुमकिन नहीं हो पाता. न पहुंचने पर लोगों को मायूसी होती. ऐसे में यह ‘टिफिन मंत्र’ दरअसल राम बाण ही है.”
एमएलसी अवनीश कुमार सिंह के कार्यक्रमों की प्रबंधन टीम से जुड़े शिव कांत कहते हैं, “एमएलसी जी का क्षेत्र आठ जिलों में है. एक कोने से दूसरे तक लोगों को सुनना, आप समझ सकते हैं, आसान नहीं है. टिफिन के बहाने साथ बैठने-उठने का लम्बा वक्त मिल जा रहा है.”