नयी दिल्ली, प्रवासी श्रमिकों की मुफ्त घर वापसी संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को घर लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों और उनके परिजनों को ट्रेन एवं बस से मुफ्त भेजने संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार से जवाब तलब किया।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने अरविंद केजरीवाल सरकार को प्रवासी श्रमिकों काे पका भोजन, सूखा राशन, जल, आश्रय, कपड़े, दवा आदि उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने की नोटिस जारी की। पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि चार मई मुकर्रर की है।
याचिकाकर्ता ने अंतर-राज्य प्रवासी श्रमिक (राेजगार और सेवा शर्तों के नियमन) कानून 1979 और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कानून, 2008 के तहत दैनिक श्रमिक और प्रवासी श्रमिकों का अनिवार्य पंजीकरण कराने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने की भी गुहार लगायी।
याचिका में मांग की गयी है कि नोडल अधिकारी इन श्रमिकों के लिए भोजन, आश्रय और अन्य आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं के वितरण संबंधी पूरे विवरण वाली एक वेबसाइट सक्रिय रखना भी सनिश्चित करें।