अगर आप नशे की लत के शिकार हैं और उससे निजात पाना चाहते हैं तो आपके लिए यह एक अच्छी खबर है। योग के जरिए आप को नशे की लत से छुटकारा मिल सकता है। आयुष मंत्रालय द्वारा अधिकृत एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि योग की मदद से मादक द्रव्यों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय रूप से बेहतरी लाना और मादक द्रव्यों के उपयोग की उनकी बारंबारता में कमी लाना संभव है। यह अध्ययन इस वर्ष नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में संचालित किया गया तथा इसे आयुष मंत्रालय की एक्स्ट्रा मुराल रिसर्च (ईएमआर) योजना के तहत वित्त पोषित किया गया। अध्ययन में मादक द्रव्यों का व्यसन करने वाले व्यक्तियों, खासकर हेरोइन का उपयोग करने वाले लोगों के एक समूह के बीच सुदर्शन क्रिया योग और ध्यान को नियमित उपचार के साथ उपयोग में लाया गया।
राष्ट्रीय मादक द्रव्य निर्भरता उपचार केंद के एक समुदाय आधारित क्लीनिक में वर्तमान में 84 नशेड़ियों अर्थात हेरोइन का उपयोग करने वालों का उपचार किया जा रहा है। इन व्यक्तियों को भी अध्ययन में शामिल किया गया। नियंत्रण समूहों के साथ यह एक आकस्मिक अध्ययन था। नियंत्रण समूह को मानक उपचार यानि फार्माकोथेरेपी और मनोवैज्ञानिक उपचार दिया गया जाकि अध्ययन समूहों को मानक उपचार के साथ एक कार्यशाला प्रणाली में तीन दिनों तक एसकेवाई कार्यक्रम के साथ जोड़ दिया गया और उन्हें प्रतिदिन घर पर इस तकनीक का अभ्यास करने को भी प्रोत्साहित किया गया। इसे साप्ताहिक रूप से आगे की एसकेवाई कार्यक्रम की कार्यवाही में भाग लेने की भी सलाह दी गई। मानक संविक्षा उपाय भी अपनाया गया और पाया गया कि हेरोइन का उपयोग करने वाले नियंत्रण समूह की तुलना में उन उपयोगकर्ताओं के समूह में राहत का प्रतिशत उच्च था जिनका सुदर्शन क्रिया योग और ध्यान के साथ मानक उपचार किया गया था। कुल मिला कर अध्ययन में प्रदर्शित हुआ कि योग के अभ्यास से मादक द्रव्यों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के शारीरिक, सामाजिक संबंधों और जीवन स्तर के पर्यावरण क्षेत्रों में उल्लेखनीय रूप से बेहतरी आ जाती है और मादक द्रव्यों के उपयोग की उनकी बारंबारता में भी कमी आती है।