लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा खुलासा करते हुये बताया कि आपदा में जनता पर एक और आपदा आने जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संकट काल में प्रबंधन में भारी नाकामी, बड़ी तादाद में शहरों और गांवो में हो रही मौतों से व्यापक जनरोष तथा पंचायत चुनावों में सपा के मुकाबले पिछड़ जाने से खिसियायी और बिलबिलायी भाजपा सरकार जनता से बदला लेने के लिए आपदा में आपदा खड़ी करने के फार्मूले पर उतर आई है।
अखिलेश यादव ने बड़ा खुलासा करते हुये कहा कि भयावह हालात में गुजरते प्रदेश वासियों को राहत देने की जगह भाजपा सरकार ने अब बिजली की दरों में वृृद्धि का भी इरादा कर लिया है। बड़ी कंपनियों की समर्थक भाजपा सरकार को गरीब की नहीं अमीरोें की तिजोरियां भरने की ज्यादा चिंता रहती है। इसलिए पावर कारपोरेशन और राज्य सरकार ने सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने को कहा है। इससे बिजली 12 प्रतिशत तक महंगी हो जाएगी। भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया, समाजवादी सरकार के काम भी रोक दिए पर जनता पर बोझ लादने में उसे लोकलाज नहीं है।
उन्होने कहाकि वस्तुतः भाजपा सरकार ने पहले ही आपदा को अवसर में बदलने का जो मंत्र पूंजी घरानों को दिया है उसका अनुसरण भाजपा सरकारें भी कर रही है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने चार वर्ष में विकास की जगह सिर्फ समाजवादी सरकार के कामों पर अपने नाम का ठप्पा लगाने का ही काम किया है। हर मोर्चे पर उसकी विफलता से जनता में भारी रोष है। भाजपा नेतृृत्व को भी मालूम है कि पश्चिम बंगाल की कहानी उसके साथ यूपी में भी दुहराई जाएगी, इससे वह अब प्रदेशवासियों को हर तरह से परेशान करने और मंहगाई की मार से उसकी कमर तोड़ देने का कोई अवसर कोरोना संकट से अपनी जिंदगी बचाने की जद्दोजहद से जूझ रहे लोगों को नहीं देना चाहेगी। भाजपा सरकार का यह डरावना चेहरा जनता के सामने आ चुका है जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत में खोट के चलते ही देश-प्रदेश मंहगाई की मार से कराह रहा है, किसान बेहाल है, नौजवान बेकारी का शिकार है और इस सबसे संवेदनशून्य भाजपा सरकार ने केवल अपना घर भरने और सत्ता सुख के संसाधन जुटाने में ही चार साल बिता दिए हैं और आज भी वह इसी एजेंडा पर काम कर रही है। भाजपा सरकार की कुनीतियों के चलते प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उद्योग धंधे और व्यापार ठप्प है। श्रमिक बेरोजगारी में नमक-रोटी भी नहीं जुटा पा रहे है। पेट्रोल-डीजल के दामो में लगातार होने वाली बढ़ोत्तरी से परिवहन मंहगा होने के साथ खाद्य पदार्थो का भी बाजार में अभाव हो रहा है।