लखनऊ , उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना कर्फ्यू में परिवर्तन किया है।
कोरोना संक्रमण की मंद होती रफ्तार के बीच झांसी 600 से कम एक्टिव मामलों वाला ऐसा 65वां जिला हो गया है जिसे आंशिक कोरोना कर्फ्यू से राहत मिली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को टीम-9 की बैठक में कहा कि कोरोना के कम होते संक्रमण दर के दृष्टिगत विगत दिवस 600 एक्टिव केस से कम संख्या वाले 64 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से छूट दी गई थी। ताजा स्थिति के अनुसार झांसी जिले में कुल एक्टिव केस की संख्या 600 से कम हो गई है। ऐसे में अब यहां भी सप्ताह में पांच दिन सुबह 07 बजे से सायं 07 बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जाए। साप्ताहिक व रात्रिकालीन बन्दी सहित अन्य सभी संबंधित नियम इन जिलों में लागू होंगे।
पिछले 24 घंटो में राज्य में कोरोना के 1,268 नये मरीज पाए गए हैं जबकि 4,260 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस तरह अब तक कुल 16 लाख 41 हजार प्रदेशवासी कोरोना से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। देश में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट करने वाले उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल के तीन लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष आज एक माह में 91.8 फीसदी की गिरावट हो गई है। वर्तमान में 25,546 कोरोना केस एक्टिव हैं। हमारी रिकवरी दर 97.4 प्रतिशत हो गई है।
श्री योगी ने कहा कि बेहतर होती स्थिति के दृष्टिगत जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकाल के साथ ओपीडी एवं आईपीडी सेवाएं चार जून से प्रारंभ की जा रही हैं। ऑपरेशन भी हो सकेंगे। अधिकाधिक लोगों को ई-संजीवनी अथवा टेलीकन्सल्टेशन के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विशेष परिस्थितियों में ही ओपीडी में मरीज आएं। किसी भी दशा में कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो।
उन्होने कहा कि सरकार सभी नागरिकों का यथाशीघ्र टीका-कवर देने के लिए संकल्पित है। अब तक प्रदेश में 01 करोड़ 90 लाख 48 हजार 748 डोज लगाए जा चुके हैं। अब सभी जिलों में 18+ आयु के लोगों का वैक्सीनेशन हो रहा है। बीते 24 घंटे में साढ़े तीन लाख लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया। दैनिक वैक्सीनेशन क्षमता में वृद्धि को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कतिपय क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश के कुछ ज़िलों से टीकाकरण में लापरवाही अथवा शरारतपूर्ण गतिविधियों की जानकारी आई है। यह कतई उचित नहीं है। इन घटनाओं को आपराधिक मानते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण जिन बच्चों के माता-पिता अथवा कानूनी अभिभावक का निधन हो गया है, ऐसे निराश्रित/अनाथ बच्चों के व्यवस्थित पालन-पोषण, शिक्षा-दीक्षा आदि के लिए सरकार ने “उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” की शुरुआत की है। योजनांतर्गत 4,000 रूपये की मासिक की दर से धनराशि दिए जाने, उन्हें बाल संरक्षण गृहों में आवासित किए जाने, कस्तूरबा अथवा अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षा की सुविधा सहित अनेक उपयोगी प्रावधान सम्मिलित हैं। कोई भी पात्र बच्चा इस योजना से वंचित न रहे, इस संबंध में संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाए। बाल संरक्षण गृहों की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के संबंध में विभागीय मंत्री और अधिकारी भौतिक निरीक्षण करते हुए आवश्यक कार्यवाही कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए। रात्रिकालीन बन्दी को प्रभावी बनाने के लिए शाम 06 बजे से ही पुलिस व स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो जाएं। पब्लिक एड्रेस सिस्टक का उपयोग करें। कहीं भी भीड़ की स्थिति न बने। कई जिलों में लोगों के मास्क न लगाने, बाजारों में अनावश्यक भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने जैसी जानकारी मिली है। यह स्थिति न तो किसी के लिए भी अच्छी नहीं है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हर एक नागरिक का सहयोग आवश्यक है। पुलिस प्रशासन को सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को जागरूक भी करें, साथ-फुट पेट्रोलिंग, चेंकिंग और आवश्यकतानुसार प्रवर्तन की कार्रवाई भी की जानी चाहिए।