सहारनपुर, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी ने भारत समेत पूरी दुनिया को सेहत और योग के महत्व से रूबरू किया है।
मोक्षायतन योग संस्थान द्वारा चार दिवसीय वर्चुअल ग्लोबल योग कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुये डा हर्षवर्धन ने कहा कि आज जब दुनिया हॉलिस्टिक हेल्थ और वेलबींग की बात करती है तो भारत की योग विद्या का जिक्र सबसे पहले आता है और यही योग के विश्व में बढ़ती प्रसिद्धि का आधार है। विशेषकर आज की परिस्थिति में जब जिम्नेजियम्स बंद हैं, खेल के मैदान बंद हैं, बाहर आने जाने पर आवश्यक पाबंदी स्वास्थ्य के लिए चुनौती है, ऐसे में अनेक तरह की लाइफस्टाइल डिजीज उबर कर के सामने आई हैं। जिनका इलाज योगमय जीवन शैली में ही है।
उन्होने कहा कि स्वास्थ्य का स्तर बढ़ाने और दवाइयों का बोझ घटाने के लिए योग में जीवन शैली बहुत कारगर सिद्ध हुई है। चिकित्सा और जीवन शैली में गहरा नाता है। सही जीवन की अनदेखी करने से हम लोग से बच नहीं सकते। ऐसे में आयुष और आधुनिक चिकित्सा पद्धति दोनों का एक ही उद्देश्य है। इसलिए दोनों ने मिलकर जिस तरह से भारत में काम किया है, वह दुनिया के सामने एक मिसाल है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा की इस विषय पर गुरु भारत भूषण की गहरी पकड़ का सरकार ने पूरा लाभ लिया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का तोहफा दुनिया को देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की और योग को विश्व स्वीकार्यता दिलाने में योग गुरु स्वामी भारत भूषण व पूर्ववर्ती योगियों के योगदान को सराहा।
2014 से ही केंद्रीय आयुष मंत्री के रूप में कार्य करते हुए उनके मंत्रालय द्वारा अनेक बीमारियों पर किए गए योग के सफल प्रयोगों और समग्र जन स्वास्थ्य पर उनके प्रभावी असर को श्रीपद नाईक ने सराहा, जिसके कारण योग और आयुर्वेद दुनिया की पहली पसंद बनता जा रहा है।
इस अवसर पर उपस्थित स्वामी भारत भूषण ने बदलते परिवेश में सामने आ रहे बीमारियों के नए रूपों और इंसान के सामने आ रही मानसिक चुनौतियों के लिए विविध चिकित्सा पद्धतियों का पारस्परिक तालमेल और परस्पर मिलकर विषमताओं से लड़ने की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने विश्वव्यापी कोरोना महामारी के दौरान भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय द्वारा इस आपदा के विरुद्ध लड़ी गई लड़ाई को दुनिया के लिए मिसाल बताया।