नैनीताल, उत्तराखंड के धारचूला तहसील में नेपाल सीमा से सटे जुम्मा गांव में रविवार देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ और सात लोग लापता हो गए हैं। जिनमें से तीन बच्चों के शव मिल गए और अन्य लापता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) की टीमों को मौके के लिये रवाना कर दिया गया है।
प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उच्च हिमालयी क्षेत्र में काली नदी के किनारे बसे जुम्मा गांव के जामुनी और सिरौउडियार तोक में बीती रात को यह घटना उस समय घटी है, जब लोग घरों में सोये हुए थे। यहां बादल फटने से जबर्दस्त भूस्खलन हुआ है। जिसमें लगभग सात घर मलबे में दब गए और की कई घरों का नामोनिशान मिट गया है।
इस घटना में लापत सात लाेगों में से तीन बच्चों के शव मिल गए है अन्य अभी भी लापता हैं। जामुनी तोक में एक ही परिवार के पांच लोग लापता हैं। इस दर्दनाक हादसे में तीन बच्चों के शव मलबे से निकाल लिये गये हैं। परिवार के दो लोग अभी भी लापता बताये जा रहे हैं। सिरौउडियार में भी दो घर क्षतिग्रस्त हुए है और दो लोग लापता हैं।
जिलाधिकारी आशीष चौहान ने घटना की जानकारी मिलते ही आज सुबह आपदा से संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और मौके पर अविलंब राहत एवं बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिये। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व टीम को मौके के लिये रवाना कर दिया गया है।
सीमांत जिले का अति दुर्गम क्षेत्र होने एवं सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रभावित गांव तक पहुंचना बेहद कठिन है। डीडीहाट में हालांकि मौजूद एसएसबी की टीम को घटना की सूचना मिलते ही रवाना कर दिया गया था और उसने ग्रामीणों के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी चौहान भी हेलीकाप्टर से मौके के लिये रवाना हो गये हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जिलाधिकारी से बात कर घटना की पूरी जानकारी ली और मौके पर अविलंब राहत एवं बचाव कार्य करने और प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद के निर्देश दिये हैं।