नई दिल्ली, प्रीति दहिया और तीन अन्य युवा महिला मुक्केबाज 2021 एएसबीसी एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप के अंतिम दिन चैम्पियन बनकर उभरीं। इनकी स्वर्णिम सफलता की बदौलत भारत ने दुबई में आयोजित की गई इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में 14 स्वर्ण सहित कुल 39 पदक अपनी झोली में डाले।
भारत इससे पहले खेले गए जूनियर इवेंट में आठ स्वर्ण, पांच रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 19 पदक पहले ही जीत चुका था। युवा मुक्केबाजों ने प्रतिष्ठित कॉन्टिनेंटल इवेंट में भारत की तालिका में 20 और पदक (छह स्वर्ण, नौ रजत और पांच कांस्य) जोड़े। खास बात यह रही कि पहली बार इस इवेंट के माध्यम से जूनियर और युवा दोनों आयु वर्ग के मुकाबले साथ-साथ खेले गए।
बिश्वमित्र चोंगथम (51 किग्रा) ने एशियाई चैंपियनशिप में युवा पुरुष वर्ग में पिछले सात वर्षों में भारत का पहला स्वर्ण जीता और विशाल (80 किग्रा) ने पदक तालिका में एक और सोने का तमगा जोड़ा। इसी तरह नेहा (54 किग्रा) ने युवा महिला वर्ग में देश को स्वर्ण पदक दिलाया। उनका मुकाबला सोमवार की देर रात खेला गया। वह 3-2 से विभाजित निर्णय से कजाकिस्तान की ऐशागुल येलुबायेवा के खिलाफ जीत हासिल करने में सफल रही।
बाद में, प्रीति दहिया ने 2021 युवा विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता कजाकिस्तान की ज़ुल्दिज़ शायाखमेतोवा के खिलाफ 60 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में इसी तरह की जीत के साथ एक और स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला। इसके बाद स्नेहा कुमारी (66 किग्रा) और खुशी (75 किग्रा) ने भी अपने-अपने फाइनल में जीत हासिल करते हुए स्वर्ण पदक जीता। स्नेहा ने रेफरी स्टॉपिंग द कॉन्टेस्ट (आरएससी) के माध्यम से स्थानीय दावेदार रहमा अलमुर्शिदी पर जीत दर्ज की जबकि खुशी ने कजाकिस्तान की डाना दीडे को हराया।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, “यह हमारे जूनियर और युवा मुक्केबाजों के लिए एक शानदार प्रदर्शन रहा है। 39 पदक जीतना एक सराहनीय उपलब्धि है और यह केवल भारत में हमारे पास मौजूद मुक्केबाजी प्रतिभा की गहराई को दर्शाता है। एक महासंघ के रूप में, हम देश भर से अधिक से अधिक युवाओं की पहचान करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि उन्हें विशिष्ट स्तर पर भविष्य के चैंपियन के रूप में तैयार करने के लिए सर्वोत्तम कोचिंग और मार्गदर्शन सुनिश्चित किया जा सके। मुझे यकीन है कि इतने बड़े टूर्नामेंट में प्राप्त मूल्यवान अनुभव इन मुक्केबाजों को अपने लिए एक मजबूत रास्ता तय करने में मदद करेगा। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) की ओर से, ‘मैं एक बार फिर सभी विजेताओं और कोचों और सहयोगी स्टाफ को इस सफल अभियान के लिए बधाई देता हूं, और उन्हें भविष्य के टूर्नामेंट के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’
इस बीच अंतिम दिन अन्य युवा मुक्केबाज विश्वनाथ सुरेश (48 किग्रा), निवेदिता कार्की (48 किग्रा), तमन्ना (50 किग्रा), सिमरन वर्मा (52 किग्रा), प्रीति (57 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), वंशज (64 किग्रा), जयदीप रावत (71 किग्रा) और तनीशबीर कौर संधू (81 किग्रा) ने देश के लिए रजत पदक जीते।