लखनऊ, उत्तर प्रदेश में अब रहस्यमय बुखार की दहशत बढ़ गई है। मौसम में बदलाव के चलते उत्तर प्रदेश में अब वायरल ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। वायरल के मरीज अचानक बढ़ने से अस्पतालों में दहशत का माहौल है।
यूपी के फिरोजाबाद में बुखार से मरने वालों की संख्या 50 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 6 और लोगों की मौत हुई है। बुधवार तक वायरल से 41 की मौत हुई थी। बुधवार देर रात 4 और लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके बाद गुरुवार को दो बच्चों की मौत हो गई। सदर विधायक मनीष असीजा का दावा है कि मरने वालों की संख्या 61 पहुंच गयी हैं । जिले में वायरल एवं डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ रही है इसके कारण मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है।
मौत के आंकड़ों को बढ़ता देख डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट चंद्र विजय सिंह ने लापरवाही के आरोपों में तीन डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया है। डाक्टर गिरीश श्रीवास्तव, डॉ रुचि श्रीवास्तव और डॉ गोरव को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किया गया है। उन्होंने आदेश दिया है कि अगर किसी भी मरीज के इलाज में लापरवाही बरती गई तो डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का 11 सदस्यीय दल फिरोजबाद पहुंच गया है और बुखार के कारणों का पता लगा रहा है ।
अस्पतालों में यह निर्देश दिए गए हैं कि ओपीडी में इलाज से पहले मरीजों का कोरोना का एंटीजन टेस्ट कराया जाए। अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले हफ्ते से वायरल के केस में करीब 15% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अगस्त के तीसरे हफ्ते तक बुखार के मरीजों की संख्या 5% थी।
लखनऊ में रहस्यमयी बुखार के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले दो दिनों में राज्य की राजधानी के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में 40 बच्चों सहित 400 से ज्यादा वायरल रोगियों को भर्ती कराया गया है। बलरामपुर हॉस्पिटल, सिविल हॉस्पिटल और लोहिया इंस्टीट्यूट में वायरल के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। यहां ओपीडी में 300 से ज्यादा मरीज बुखार की समस्या के साथ आए। महानगर भाऊराव देवरस, रानी लक्ष्मीबाई, लोकबंधु, राम सागर मिश्रा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ओपीडी में 20 फीसदी से ज्यादा मरीज बुखार, सर्दी और कंजेशन की शिकायत कर रहे हैं।
जहां डॉक्टर बदलते मौसम की वजह से इन मामलों को मौसमी फ्लू बता रहे हैं, वहीं मरीजों में दहशत फैल रही है, उन्हें डर है कि यह कोविड महामारी की तीसरी लहर की शुरूआत हो सकती है।