लखनऊ, नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के अदम्य साहस और सूझबूझ की प्रशंसा करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को आजादी की कीमत से परिचित कराने की जरूरत है।
अपने सरकारी आवास पर स्वतंत्रता के 75वें स्वर्णिम वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में श्री योगी ने मंगलवार को एसएसबी द्वारा आयोजित साइकिल रैली को लखनऊ से दिल्ली के लिए झण्डी दिखाकर रवाना करते हुये कहा कि सशस्त्र सीमा बल एक फोर्स के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों के साथ आत्मीय सम्बन्ध बनाए जाने के लिए जाना जाता है। नेपाल की संवेदनशील सीमा पर वर्ष 2001 से एसएसबी द्वारा निरन्तर निगरानी और पेट्रोलिंग की कार्यवाही की जा रही है। एसएसबी ने सदैव भारत-नेपाल व भूटान के ऐतिहासिक व पौराणिक सम्बन्धों को बेहतर बनाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की लगभग 600 किलोमीटर की सीमा नेपाल से जुड़ी हुई है। एसएसबी ने एक दक्ष फोर्स के रूप में अपनी पहचान बनाई है। परम्परागत व पेशेवर इंटेलीजेंस तो महत्वपूर्ण होती ही है, लेकिन ह्यूमन इंटेलीजेंस का अपना अलग महत्व है क्योंकि आम नागरिक स्थानीय स्तर पर सटीक व सही जानकारी रखता है, जो आन्तरिक व वाह्य सीमा सुरक्षा के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
उन्होने कहा कि यह वर्ष देश के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। 15 अगस्त, 2021 को देश ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रवेश किया है। आजादी की कीमत क्या होती है, यह वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है। उन्होंने देश की आजादी में अपना बलिदान देने वाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और भारत माता के अमर सपूतों के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके त्याग और बलिदान से हम सभी को प्रेरणा प्राप्त होती है।